Microbiology के अंतर्गत सूक्ष्म जीवों जैसे कि प्रोटोजोआ एलगी बेक्टीरिया व वाइरस इत्यादि का गहन अध्ययन किया जाता है। इस विषय के विशेषज्ञ इन जीवाणुओ के जीवजगत पर अच्छे व बुरे प्रभावों को जानने की कोशिश करते है।
जीन थेरेपी तकनीक के जरिए इंसानों मे होने वाली गंभीर आनुवंशिक गड़बड़ियों के बारे मे भी पता लगाते है। एक तरह से मैकरोबस यानि कि अति सूक्ष्म जीव पर्यावरण और ग्रह की सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार है। ये फसलों के लिए मिट्टी को उर्वरक बनाने का काम भी करते है। संक्रमक बीमारियों की रोकथाम के लिए भी इनके अध्ययन की अहम भूमिका रहती है।
माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology)
सूक्ष्मजीव वे जीव हैं जिन्हे कोई भी इंसान नंगी आंखों से नहीं देख सकते हैं। जैसे कि बैक्टीरिया, वायरस और फंगी। असल में सूक्ष्म जीव विज्ञान जीव विज्ञान का वह अंग है जिसमें सूक्ष्मजीवों के व्यवहार, संरचना, इस्तेमाल और अस्तित्व का अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा माइक्रो बायोलॉजी की बायो टेक्नॉलजी से जुड़ी हुई है। सूक्ष्म जीव विज्ञान के क्षेत्र एक्सपर्ट्स बनने वाले व्यक्ति को माइक्रो बायोलॉजिस्ट कहा जाता है, जोकि प्रोफेशनल या साइंटिस्ट के रूप में कार्य करते है।
योग्यता Qualification
अगर कोई भी विद्यार्थी इस क्षेत्र मे कदम रखना चाहता है, तो उसका स्कूली बैकग्राउंड बायोलॉजी का होना अनिवार्य है यानि कि उसने अपनी बारहवीं की परीक्षा फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी से पास की हो ,उसके बाद आप किसी सरकारी या निजी संस्थान से माइक्रो बायोलॉजी या लाइफ साइंस जैसे विषयों मे दाखिला ले सकते है। बहुत से विधार्थी माइक्रो बायोलॉजी मे मास्टर्स डिग्री के बाद रिसर्च मे कदम बढ़ाते है। इस क्षेत्र मे आपके लिए बीएससी , एमएससी बीटेक एमएस स्तर के कोर्स भी उपलब्ध है।
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माइक्रोबायोलॉजी से जुड़े कुछ कोर्सज
अगर आप माइक्रोबायोलॉजी क्षेत्र मे अपना करियर शुरू करना चाहते है तो आप अलग अलग स्तर के डिग्री डिप्लोमा कोर्सज कर सकते है।
बेचलर कोर्स
- फूड टेक्नोलॉजी में बैचलर ऑफ साइंस
- क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी मे बैचलर ऑफ साइंस
- माइक्रोबायोलॉजी में बैचलर ऑफ साइंस
- अप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी में बैचलर ऑफ साइंस
मास्टर्स डिग्री
- माइक्रो बायोलॉजी मे मास्टर्स ऑफ साइंस
- अप्लाइड माइक्रो बायोलॉजी मे मास्टर्स ऑफ साइंस
- मेडिकल माइक्रो बायोलॉजी मे मास्टर्स ऑफ साइंस
- मैकरोबियाल जेनेटिक्स और बायोइंफॉर्मेटिक्स मे बैचलर ऑफ साइंस
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स्पेसलाइजेशन कोर्स
- माइक्रो बियल
- वाटर माइक्रो बायोलॉजी
- वेटरिनरी माइक्रो बायोलॉजी
- जेनरेशन माइक्रो बायोलॉजी
- एनवायरमेन्टल माइक्रो बायोलॉजी
- नैनो माइक्रो बायोलॉजी
- सेलुलर माइक्रो बायोलॉजी
- एग्रीकल्चर माइक्रो बायोलॉजी
- फार्मा सूतिकल माइक्रो बायोलॉजी
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इन पदों पर कर सकते हो काम
अगर आपके पास माइक्रो बायोलॉजी से संबंधित किसी भी संस्थान से डिग्री या फिर मास्टर्स डिग्री है, तो आपके लिए देश के अलावा विदेशों मे भी जॉब के अच्छे अवसर रहते है ऐसे मे आप अपनी इच्छा से किसी भी पद पर रहकर अपना करियर बना सकते है।
मेडिकल माइक्रो बायोलॉजिस्ट Medical Microbiologist
इस पद पर कार्य करने वाले विशेषज्ञ को शरीर में होने वाले संक्रमण और उनकी रोकथाम के उपायों की तलाश करते है। इसके अलावा ये नए रोगाणुओं कि जांच भी करते है।
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पब्लिक हेल्थ माइक्रो बायोलॉजिस्ट Public Health Medical Microbiologist
इस पद पर कार्य करने वाले विशेषज्ञ पानी एवं खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के दौरान उसमे फैलने वाली बीमारियों का अध्ययन करते है, तथा उन पर समय रहते नियंत्रण करने के उपायों कि खोज करते है।
एग्रीकल्चर माइक्रो बायोलॉजिस्ट Agriculture Microbiologist
इस पद पर कार्य करने वाले विशेषज्ञ फसलों कि सेहत सुधारने उन्हे हानिकारक कीटों से बचाने मिट्टी की गुणवत्ता देखकर उसके लिए उत्पादकता बढ़ाने इत्यादि जैसे कार्य करते है।
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माइक्रोबियल इकोलॉजिस्ट Microbial Ecologist
इस पद पर करने वाले विशेषज्ञ सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति एवं मिट्टी व पानी के रासायनिक चक्र के महत्व को समझते है डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने की जिम्मेदारी भी इन्ही के कंधों पर होती है।
बायो मेडिकल साइंटिस्ट Biomedical Scientist
इसमे आपका ज्यादातर काम लेब से जुड़ा हुआ होता है इस पद पर कार्य करने वाले विशेषज्ञों का काम जीवों मे बीमारियों का अध्ययन करने व जविक सूचनाओ का सही प्रबंधन करते हुए उनके हानिकारक तत्त्वों को कम करते है
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जॉब के अवसर Job Opportunities
छात्रों के पास माइक्रोबायोलॉजी में करियर बनाने वालों के बहुत मौके होते है जिसमे वे अपना करियर शुरू कर सकते है। विद्यार्थी ग्रेजुएशन करने के बाद क्लीनिकल व डायगनोसिस लेबोरेटरी मे असिस्टन्स या रिसर्च असिस्टेंट में अपना करियर शुरू कर सकते है।
फिजिशियन एसोसिएट रिसर्च साइंटिस्ट | माइक्रो बायोलॉजिस्ट |
बायो मेडिकल साइंटिस्ट , | फूड टेक्नोलॉजिस्ट |
क्लीनिकल रिसर्च एसोसिएट | फर्माकोलॉजिस्ट |
क्वालिटी एश्योरेंस टेक्नोलॉजिस्ट | फार्मा व फूड इंडस्ट्री |
क्लीनिकल एण्ड वेटरीनरी | मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट |
साइंटिफिक लेबोरेटरी टेक्नीशियन | टेक्निकल रिप्रेजेंटेटिव |
एनवायरमेंट माइक्रो बायोलॉजिस्ट | रिसर्च असिस्टंट फूड |
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इसके अलावा अगर आपके पास बजट है तो आप इन क्षेत्रों से जुड़ा अपना स्वतंत्र बिजनेस भी शुरू कर सकते है।
क्षेत्र की चुनौतियां
इस क्षेत्र मे करिअर बनाने वाले विशेषज्ञों को नीमीट रूप से रोजना अध्ययन करने कि आवश्यकता होती है आपको लेब सेट अप का अच्छा ज्ञान होना चाहिये हानिकारक का जीवाणुओ का प्रभाव रोकने पर्यावरण को दूषित होने से बचाने जैसे सरीखे कार्य चुनोती पूर्ण होते है जिसमे आपको खुद का ढालना पड़ता है ताकि आप इनके बारे मे अच्छे से जान सके और रिसर्च कर सके।
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इसके अलावा आपके अंदर कुछ नया खोजने के स्किल होनी चाहिए यानि कि आपका मस्तिसक किरएटिव होना चाहिए। छोटी छोटी चीजों को सही ढंग से परखने और किसी उद्देश्य तक पहुचने की स्किल रखने वालों की आज के समय मे बहुत ज्यादा डिमांड है क्योंकि दुनिया मे रोजना नई नई बीमारिया जन्म ले रही है जिनकी पहचान करना बेहद जरूरी होता है ताकि समय रहते उनका इलाज डौंढ़ा जा सके और दुनिया को एक भारी नुकसान से बचाया जा सके।
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यही नहीं क्योंकि इस क्षेत्र के ज्यादातर कार्य लेबोरेटरी से जुड़े हुए है तो आपके अंदर घंटों घंटों लेबोरेटरी मे बैटकर कार्य करने के स्किल होनी चाहिए अगर आप जल्द ही बोरियत महसूस करने लगते हो यह करिअर आपके लिए नहीं है।
सेलरी Salary
इस क्षेत्र मे करियर बनाने वालों के लिए देश और विदेशों मे जॉब की भरपूर संभावनए मौजूद है। जिसमे आपको सेलरी भी अच्छे मिलती है खासकर निजी क्षेत्र और बहुराष्टीय क्षेत्र कॉम्पनियों मे आपको अच्छा वेतन मिल सकता है।
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अगर आप इस क्षेत्र मे मास्टर्स या पीजी डिप्लोमा कोर्स करने के बाद कदम बढ़ाते है , तो आपको किसी भी चिकित्सा क्षेत्र मे कम से कम 35 से 45 हजार रुपये प्रति महीना तक आसानी से मिल जाते है। इस क्षेत्र मे कुछ अनुभव होने के बाद , अगर आप किसी रिसर्च संस्थान से जुडते है तो आपकी यही सेलरी बढ़कर 70 से 80 हजार रुपये प्रति महिना तक चली जाती है।
माइक्रो बायोलॉजी संबंधी देश के कुछ प्रमुख कॉलेज
- दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली.
- बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी.
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा.
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़.
- चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ.
- छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर.
- पटना विश्वविद्यालय, पटना, बिहार.
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय
- जिवाजी यूनिवर्सिटी, फैकल्टी ऑफ साइंसेज और फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज
- क्रिस्चन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
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लेख मे आपने क्या सीखा
दोस्तों इस लेख मे हमने आपको मेडिकल क्षेत्र से जुड़े एक तेजी से उभरते हुए कोर्स के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी दी है। इसमे ज्यादातर कार्य प्रयोगशालाओ से जुड़ा हुआ है अगर आपको मेडिकल मे रुचि है और आपको नई नई बीमारियों के बारे मे रिसर्च करने मे इन्टरेस्ट है तो यह करिअर आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है।
इस लेख मे हमने आपको बताया है कि माइक्रो बायोलॉजी मे करिअर कैसे बनाए ? Microbiology me career kaise banaye hindi , माइक्रोबायोलॉजी कोर्स कैसे करे, microbiology course kaise kare माइक्रोबायोलॉजी क्या है Microbiology Course Details in Hindi इत्यादि।
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