मार्केटिंग क्या होती हैं। बिजनेस की मार्केटिंग कैसे करें। Marketing Kya Hai

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Marketing Kya Hai by ultimateguider

Marketing Kya Hai: किसी भी बिजनेस के लिए मार्केटिंग एक हम हिस्सा हैं। बिना मार्केटिंग के कोई भी बिजनेस चल नहीं सकता हैं। मार्केटिंग कंपनियों को उनके तरगेटिड कस्टमर तक पहुचने और कस्टमर को बेहतर उत्पाद और सेवाएं प्रदान करने में मदद करती है


मार्केटिंग को अक्सर केवल विज्ञापन या प्रचार से जोड़ा जाता है, लेकिन यह इससे कहीं अधिक है। वास्तव में, विज्ञापन और प्रचार, मार्केटिंग के विभिन्न प्रकारों में से एक हैं। हिंदी में मार्केटिंग को ‘विपणन’ कहा जाता है।

ऐसे में अगर आप भी खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको भी मार्केटिंग के बारें में सही जानकारी होनी चाहिए। ताकि आप भी अपने बिजनेस को ग्रो कर सको।

अगर आप मार्केटिंग के बारें में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें। इस लेख में हम आपको बताने वाले है की मार्केटिंग क्या हैं। मार्केटिंग कैसे करें।

लेख का पूरा विवरण

मार्केटिंग क्या होती हैं। Marketing Kya Hai

मार्केटिंग को हिंदी में विपणन भी कहते हैं, मार्केटिंग किसी भी बिजनेस की महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसका मुख्य काम है प्रोडक्ट या सेवाओं के बारे में लोगों को जानकारी देना, ताकि ग्राहक प्रोडक्ट के बारे में अच्छे से जान सकें। उसके बाद उस प्रोडक्ट को खरीद सकें। यह किसी भी बिजनस के लिए लिए आवश्यक है, चाहे वह छोटा बिजनेस हो या बड़ी बिजनेस

मार्केटिंग में अलग अलग प्रकार की गतिविधियां शामिल होती हैं जैसे कि ग्राहकों की जरूरतों का अध्ययन करना, प्रचार करना, बिक्री की रणनीति तैयार करना, और बिक्री के बाद की सेवाएं देना।

मार्केटिंग का उद्देश्य

कस्टमर सेटिस्फेक्शन: यानी ग्राहकों को खुश रखना। अगर कोई कंपनी अपने कस्टमर को अच्छे प्रोडक्ट और सर्विस देकर ग्राहकों को संतुष्ट करती हैं। इससे ग्राहक का कंपनी के प्रोडक्ट पर भरोसा करते हैं। फिर वे बार बार जरूरत पढ़ने पर उसी कंपनी से प्रोडक्ट या सर्विस लेते हैं।

मांग पैदा करना: जब भी मार्केट में नया प्रोडक्ट आता है, तो मार्केटिंग से पहले ही लोगों में उसकी जरूरत और रुचि बनाई जाती है। ताकि जब प्रोडक्ट लांच हो वे उसे खरदी सकें।

सेल्स बढ़ाना: कंपनियां अच्छी मार्केटिंग से अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज की बिक्री बढ़ाती हैं।

कंपनी की गुडविल बनाना: मार्केटिंग से कंपनी अपनी छवि और प्रतिष्ठा मार्केट में बेहतर बनाती है। ताकि कस्टमर का भरोसा उन पर बना रहे हैं।

प्रोडक्ट की गुणवत्ता सुधारना: मार्केटिंग से पता चलता है कि प्रोडक्ट में सुधार की जरूरत है या नहीं। अगर कस्टमर को आपके प्रोडक्ट पसंद नहीं आ रहे हैं तो आप ग्राहकों की मांग के अनुसार उसमें बदलाव कर सकते हैं।

मार्केटिंग के फायदे | Marketing Ke Fayde

  • बिजनेस प्लानिंग में मदद: मार्केटिंग से बाजार और ग्राहकों के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे सही योजना और निर्णय लिए जा सकते हैं।
  • ब्रांड जागरूकता बढ़ाना: मार्केटिंग से लोग आपके ब्रांड और उसके उत्पादों या सेवाओं से परिचित होते हैं। यह आपके ब्रांड को यादगार बनाता है और ग्राहकों का विश्वास जीतने में मदद करता है।
  • कस्टमर इंगेजमेंट बढ़ाना: मार्केटिंग से ग्राहकों से बेहतर संबंध बनते हैं और उनकी प्रतिक्रियाएं भी मिलती हैं।
  • ब्रांड में विश्वास बनाना: मजबूत ब्रांड विश्वास से ग्राहकों की वफादारी और उनकी लगातार खरीदारी बढ़ती है, जो राजस्व और सकारात्मक समीक्षाओं में योगदान देती है।
  • राजस्व बढ़ाना: अच्छी मार्केटिंग से प्रोडक्ट या सर्विस की बिक्री बढ़ती है और इससे कंपनी का मुनाफा भी बढ़ता है।
  • लक्ष्य तय करने में मदद: मार्केटिंग से कंपनी अपनी रणनीतियाँ और लक्ष्य बेहतर तरीके से तय कर सकती है।
  • ब्रांड बिल्डिंग में मदद: मार्केटिंग से कंपनी के प्रोडक्ट या सेवाएं एक ब्रांड की पहचान बना सकते हैं।
  • यातायात उत्पन्न करना: अच्छी मार्केटिंग से आपकी वेबसाइट पर अधिक लोग आते हैं, जो योग्य लीड्स और बिक्री में वृद्धि करता है।
  • मेट्रिक्स का ट्रैक करना: मेट्रिक्स आपकी मार्केटिंग रणनीति को गाइड करने और उसकी प्रगति को मापने में मदद करते हैं, साथ ही यह भी बताते हैं कि अभियानों को कैसे और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

इस तरह, मार्केटिंग से किसी भी कंपनी को अपने व्यवसाय में बढ़ोतरी करने में मदद मिलती है।

मार्केटिंग मिक्स के 7 P’s

मार्केटिंग मिक्स एक ऐसा उपकरण है जो उत्पादों या सेवाओं को बाजार में प्रचारित और बेचने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके मुख्य तत्व 7P हैं:

🚀 प्रोडक्ट (Product): यह वह वस्तु है जो ग्राहक की जरूरत को पूरा करती है। इसे उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं के अनुसार डिजाइन किया जाना चाहिए।

🚀प्लेस (Place): यह वह स्थान है जहाँ उत्पाद उपलब्ध होते हैं। इसमें शामिल हो सकते हैं फिजिकल स्टोर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आदि।

🚀 प्राइस (Price): उत्पाद की कीमत ऐसी होनी चाहिए जो ग्राहकों के लिए उचित लगे और वे इसे खरीदने में संकोच न करें।

🚀 प्रमोशन (Promotion): यह उत्पाद की जानकारी और उसके फायदे ग्राहकों तक पहुँचाने का तरीका है। इसमें विज्ञापन, सार्वजनिक संबंध, सोशल मीडिया आदि शामिल हैं।

🚀 पीपुल (People): यह कंपनी के कर्मचारियों और टीम को दर्शाता है जो ग्राहक सेवा और उत्पाद वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

🚀 प्रोसेस (Process): यह व्यापार के संचालन का तरीका है, जिसमें उत्पादन से लेकर वितरण तक की प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं।

🚀 फिजिकल एविडेंस (Physical Evidence): यह सेवा क्षेत्र में ग्राहकों को यह प्रमाण देना है कि सेवा वितरित की गई है। यह ब्रांड की पहचान और उसके प्रतीकों से संबंधित होता है।

मार्केटिंग के प्रकार | Type of Marketing Hindi

किसी भी प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने का कोई एक तरीका नहीं होता हैं। मार्केटिंग करने के तरीके समय के साथ बदलते रहते हैं। यहाँ पर हम आपको मार्केटिंग करने के अनेक तरीके बता रहे हैं। आपको अपने प्रोडक्ट या सर्विस को ध्यान में रखते हुए देखना होगा आपके लिए कौन सा तरीका सही हैं। जिससे आप अपनी कंपनी की ब्रांड बना सकते हैं।

#1 अकाउंट बेस्ड मार्केटिंग (ABM):

यह विशेष रूप से B2B बिजनेस के लिए होता है जैसे कि एक फार्मा कंपनीया अस्पतालों और डॉक्टर्स को टारगेट करके अपनी मेडिसिन सेल करती हैं। इस प्रकार मार्केट में अलग अलग परकर की कंपनियां हैं जो डायरेक्ट कस्टमर को टारगेट न करके बिजनेस करने वाले दूसरे पर्सन तक अपना प्रोडक्ट पहुचती हैं।

#2 Acquisition Marketing:

इसका उद्देश्य नए ग्राहक बनाना होता है। इसमें वेबसाइट के Landing Page, SEO (Search Engine Optimization), सोशल मीडिया, ब्लॉग कंटेंट और Google विज्ञापन शामिल होते हैं। यहां लक्ष्य ऐसा कंटेंट बनाना होता है जो लोगों को प्रोडक्ट की ओर आकर्षित करे।

#3 एडवरटाइजिंग:

यह प्रोडक्ट या सर्विस को लोगों के सामने प्रस्तुत करने का एक तरीका है। इसमें टीवी, रेडियो और डिजिटल मार्केटिंग जैसे सोशल मीडिया विज्ञापन और PPC (Pay Per Click) शामिल हैं।

#4 सोशल मीडिया मार्केटिंग:

आज के समय में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, लिंकडइन, और यूट्यूब पर यूजर्स काफी एक्टिव रहते हैं।

इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनियां अपने प्रोडक्ट का सर्विस के विज्ञापन सोशल मीडिया के जरिए का काफी कर रही हैं। ऐसे में आप भी इसी का फायदा उठाकर अपने बिजनेस के लिए सोशल मीडिया मार्केटिंग कर सकते हैं।

#5 एफिलिएट मार्केटिंग:

इसमें लोग या ब्लॉगर्स किसी प्रोडक्ट के बारे में अपने चैनल या ब्लॉग पर बात करते हैं और एक विशेष लिंक के माध्यम से प्रोडक्ट या सर्विस को सेल करवाते हैं। जब कोई उस लिंक के माध्यम से प्रोडक्ट या सर्विस खरीदता है, तो उस एफिलिएट मार्केटर को कमीशन मिलता है।

#6 ब्रांड मार्केटिंग:

इसका उद्देश्य सीधे सेल्स बढ़ाना नहीं होता, बल्कि ब्रांड की पहचान और मूल्य को बढ़ाना होता है। जब कोई भी कंपनी नए प्रोडक्ट के साथ मार्केट में आती हैं। तब उस कंपनी के बारें में लोग नहीं जानते हैं। इसलिए कंपनियां पहले सोशल मीडिया या अलग अलग प्लेटफ़ॉर्म के जरिए अपने अपने प्रोडक्ट की ब्रांड के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ब्रांड मार्केटिंग करते हैं।

#7 कंटेंट मार्केटिंग:

यह कंपनी के ब्रांड को प्रमोट करने का एक मुख्य तरीका है, जिसमें गूगल जैसे सर्च इंजन पर कंपनी के ब्लॉग और लेख शामिल होते हैं। यह ब्लॉगिंग, वीडियो, और ई-बुक्स के माध्यम से कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विसेज की जानकारी देता है।

इसका फायदा यह होता है की अगर कोई भी पर्सन आपके प्रोडक्ट या सर्विस से संबंधित कीवर्ड गूगल पर सर्च करता हैं तो वो आपकी कंपनी की वेबसाइट तक पहुच सकता हैं।

#8 Conversational Marketing:

ग्राहकों को जोड़ने के लिए बातचीत पर आधारित मार्केटिंग है, जैसे लाइव चैट और कॉल्स। इससे ग्राहकों को तुरंत उत्तर और समाधान मिलता है।

उदाहरण के लिए अगर आपको किसी कंपनी का प्रोडक्ट खरीदते समय किसी प्रकार की समस्या आ रही हैं तो कस्टमर तुरंत काल करके समस्या का समाधान कर सकते हैं। उसके बाद कस्टमर आपका प्रोडक्ट या सर्विस आसानी से खरीद सकता हैं।

#9 Influencer Marketing:

इस प्रकार की मार्केटिंग का ट्रेंड टिक टॉक के आने के बाद शुरू हुआ हैं। जिन यूजर्स की सोशल मीडिया पर फैन फॉलोवीनग अच्छी हैं। उनके फॉलोवर्स मिलियन में हैं। उनकी हर पोस्ट पर लाखों कमेन्ट और लाइक आती हैं।

कंपनियां ऐसे यूजर्स से कंटेन्ट करके अपने ब्रांड को प्रमोट करवाती हैं। इस मार्केटिंग को Influencer Marketing कहा जाता हैं।

#10 मोबाइल मार्केटिंग:

जब से इंटरनेट और स्मार्टफोन का दौर का शुरू हुआ हैं तब से स्मार्टफोन के यूजर्स लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए कंपनियों के लिए मोबाइल मार्केटिंग का भी एक अच्छा विकल्प हैं।

आपने देखा होगा की स्मार्टफोन पर अलग अलग कंपनियों के एसएमएस, QR कोड या नोटिफिकेशन आते रहते हैं ये सभी मोबाइल मार्केटिंग का हिस्सा हैं।

#11 यूजर-जनरेटेड मार्केटिंग:

इसमें ग्राहक ब्रांड के प्रोडक्ट या सर्विस का उपयोग करके अपना रिव्यू देते हैं। इससे नए ग्राहकों को प्रोडक्ट की वास्तविकता का पता चलता है। बहुत से नए कस्टमर प्रोडक्ट के रिव्यू देखकर ही प्रोडक्ट खरीदते हैं।

इसलिए कंपनियां आज के समय में अपने कस्टमर के रिव्यु को लेकर काफी ध्यान देती हैं। ताकि आने वाले नए कस्टमर पर रिव्यु का गलत प्रभाव न पड़ें।

#12 ईमेल मार्केटिंग:

यह डिजिटल मार्केटिंग का एक अहम हिसा हैं। ज्यादातर कंपनियां अपने प्रोडक्ट या सर्विस की जानकारी अपने कस्टमर तक पहुचाने के लिए ईमेल मार्केटिंग का इस्तेमाल करती है।

इन्हे भी जरूर पढ़ें।

मार्केटिंग से जुड़े हुए शब्द

B2B (Business to Business): इस प्रकार की मार्केटिंग में बिजनेस दूसरे बिजनेस करने वाले वालों टारगेट करते हैं। उदाहरण के लिए जैसे पेप्सी बनाने वाली कंपनी डायरेक्ट कस्टमर को टारगेट न करके बिजनेस करने वाले दूसरे डिस्ट्रीब्यूटर या फ्रेंचाईजी को अपना प्रोडक्ट सेल करती हैं। फार्म कंपनियां हॉस्पिटल , डॉक्टर को टारगेट करके अपने प्रोडक्ट सेल करती हैं।

B2C (Business to Consumer): इसमें बिजनेस करने वाले पर्सन डायरेक्ट कस्टमर तक अपने प्रोडक्ट या सर्विस प्रदान करते हैं। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों का इस्तेमाल होता है।

C2B (Consumer to Business): इस मॉडल में उपभोक्ता व्यवसायों को सेवाएं या उत्पाद प्रदान करते हैं। यह B2C के विपरीत है और यहां उपभोक्ता कंपनियों को सेवाएं या उत्पाद प्रदान करते हैं।

C2C (Consumer to Consumer): यह मॉडल ग्राहकों को अन्य ग्राहकों के साथ लेनदेन करने की अनुमति देता है। इसमें ग्राहक एक दूसरे के साथ सीधे उत्पाद या सेवाएं साझा करते हैं। ऑफ़रअप और लेट गो जैसे ऐप्स इसके उदाहरण हैं।

सेगमेंटेशन (Segmentation): यह कस्टमर को उनकी विशेषताओं के आधार पर अलग-अलग केटेगीरी में बांटने की प्रक्रिया है, जैसे उम्र, लिंग, आय, जीवनशैली, रुचि आदि।

टारगेटिंग (Targeting): यह प्रक्रिया उन कस्टमर को को टारगेट करने की होती है जो आपके प्रोडक्ट या सर्विस में रुचि रखते हैं।

पोजिशनिंग (Positioning): यह एक ब्रांड, उत्पाद, या सेवा को बाजार में एक विशिष्ट छवि या पहचान देने की प्रक्रिया है।

ब्रांडिंग (Branding): यह एक ब्रांड की पहचान और छवि बनाने की प्रक्रिया है, जिसमें नाम, लोगो, टैगलाइन, और अन्य विशिष्ट तत्व शामिल होते हैं।

मार्केटिंग कैसे करें। ( Marketing Kaise Kare )

  • प्रोडक्ट के बारे में जानें: मार्केटर्स को समझना होता है कि ग्राहक आपसे क्या खरीदना चाहते हैं, कितने रुपये में खरीदना चाहता हैं।
  • एक अच्छा प्लान तैयार करें: : इसमें योजना बनाई जाती है कि कैसे प्रोडक्ट का उत्पादन और बिक्री बढ़ानी है, प्रोडक्ट उत्पाद का प्रचार कैसे करना है।
  • प्रोडक्ट डिजाइनिंग और विकास: यहाँ प्रोडक्ट की डिजाइन, पैकिंग, और उसकी गुणवत्ता पर काम किया जाता है।
  • मानकीकरण और ग्रेडिंग: यह सुनिश्चित करता है कि सभी उत्पाद एक समान गुणवत्ता और मानकों के अनुसार बनाए गए हैं।
  • पैकेजिंग और लेबलिंग: प्रोडक्ट को अच्छी तरह से पैक करना और उन पर अपने ब्रांड वाले लेबल लगाना। ताकि आपका प्रोडक्ट मार्केट में अलग पहचान बना सके।
  • ब्रांडिंग: उत्पाद को एक विशेष पहचान देना ताकि वो बाजार में अलग दिखे।
  • ग्राहक सहायता सेवाएं: बिक्री के बाद की सेवाएं, ग्राहकों की शिकायतों को संभालना आदि।
  • उत्पादों का मूल्य निर्धारण: उत्पादों की कीमत तय करना।
  • प्रमोशन: उत्पादों का प्रचार करना।
  • डिलीवरी: अगर आपका फिजिकल प्रोडक्ट हैं तो उसे एक जगह से दूसरी जगह तक पहुँचाना। अगर सर्विस हैं तो उसे सही समय पर कस्टमर तक डिलीवर करना।
  • स्टोर करना : प्रोडक्ट को स्टोर करके रखना ताकि जब भी प्रोडक्ट की मांग हो उसे तुरंत कस्टम तक पहुचाया जा सकें।

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मार्केटिंग टिप्स ( Marketing Tips Hindi )

ग्राहकों की पसंद का ध्यान रखें:

बिजनेस शुरू करने से पहले आपको पता होना चाहिए की आपके कस्टमर कौन होंगे। किस आयु के होंगे , उनकी क्या रुचि क्या हैं। वे कितने बजट तक प्रोडक्ट खरीद सकते हैं।
फिर उसी हिसाब से आप अपने बिजनेस के लिए प्लानिंग कर पाओगे।

सही कंटेंट तैयार करें

बिजनेस की मार्केटिंग करने के लिए कंटेन्ट का अहम रोल होता हैं। इसलिए जरूरी हैं की अपने बिजनेस की मार्केटिंग करने के लिए सही कंटेन्ट का इस्तेमाल करें। अगर आपका कंटेन्ट यूजर्स को पसंद आता हैं तो वे आपसे जरूर जुड़ेंगे।

डिस्काउंट & ऑफर दें

डिस्काउंट पर प्रोडक्ट खरीदना किसे पसंद नहीं हैं। इसलिए कंपनियां समय समय अपनी सेल बढ़ाने के लिए कस्टमर को डिस्काउंट ऑफर देती रहती हैं। डिस्काउंट को लेकर अलग अलग प्रकार के विज्ञापन भी सोशल मीडिया पर चलाए जाते हैं।

इसलिए आप भी अपने कस्टमर को डिस्काउंट देकर अपनी सेल बढ़ा सकते हैं। ग्राहक ऑफर्स की तरफ अधिक आकर्षित होते हैं, इसलिए आप भी ग्राहकों को ऑफर दें.

थैंक यू नोट्स

अपने बिजनेस के साथ साथ जरूरी हैं की अपने साथ काम करने वाले वाले लोगों के काम की भी सराहना करें। टीम मेंबरों को समय समय पर कुछ न कुछ गिफ्ट करें।

गिफ्ट छोटा या बड़ा कैसा भी हो सकता हैं। बिजनेस की ग्रोथ अच्छी हो तो टीम मेंबरों के साथ वेकेशन पर जाए फिर ऐसे मोमेंट की फ़ोटो क्लिप करके सोशल मीडिया पर पोस्ट करें। इससे भी आपके बिजनेस की मार्केटिंग ही होती हैं।

टारगेट को ध्यान में रखें

किसी भी क्षेत्र में अच्छे रिजल्ट प्राप्त करने को लिए टारगेट को ध्यान में रखकर काम करना होता हैं। इसलिए हमेशा अपने बिजनेस के लिए टारगेट के अनुसार रणनीति बनाएं। की आपके तरगेटिड कस्टमर कौन हैं। आप उन तक कैसे पहुच सकते हैं।

रिव्यु को दे अहमियत

ऑनलाइन बिजनेस में रिव्यु का काफी अहम रोल होता हैं। इसलिए आपके साथ जुडने वाले हर कस्टमर से रिव्यु लेने की कोशिश करें। आपके प्लेटफ़ॉर्म पर जितने ज्यादा रिव्यु होंगे उससे आपके बिजनेस की रैंकिंग भी बढ़ेगी। लोगों पर कभी भी पॉजिटिव फीडबैक देने के लिए प्रेशर ना डालें. ये आपके बिज़नेस पर नेगेटिव असर कर सकता है.

इन्हे भी जरूर पढ़ें।

निष्कर्ष- Marketing Kya Hai

यहाँ हमने आपको मार्केटिंग के बारें में विस्तार से जानकारी दी हैं। की मार्केटिंग क्या हैं। Marketing Kya Hai मार्केटिंग किस करें। Marketing Kaise Kare

अगर आप बिजनेस करते हैं। या फिर बिजनेस शुरू करने चाहते हैं। तो आपको मार्केटिंग के बारें में जरूर पता होना चाहिए। आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं।

इस जानकारी को लेकर अगर आपका किसी प्रकार का कोई सवाल हैं तो आप कमेन्ट बॉक्स में पूछ सके हैं। जानकारी को उन लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें। जो बिजनेस करते हैं या फिर करना चाहते हैं ताकि वे भी मार्केटिंग के बारें में सही जानकारी प्राप्त कर सकें।

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