पब्लिक स्पीकिंग Public Speaking एक कला है , बहुत से लोगो के बीच किसी मुख्य विषय पर अपने विचार प्रकट करना भी पब्लिक स्पीकिंग के अंतर्गत ही आता है, ज्यादातर लोगो को इस काम को करते हुए डर भी लगता है।
ऐसे में अगर आपको भी लोगो के बीच बोलने से डर लगता है और आप इस बोलने वाली स्किल को सीखना चाहते है तो इस लेख को अंत तक पूरा पढ़े ,क्योंकि आज हम आपको इस लेख में पब्लिक स्पीकिंग संबंधी संपूर्ण जानकारी देने वाले है, ताकि आप भी एक अच्छे स्पीकर बन सको।
इस लेख में हम आपको बताने वाले है की स्पीकर कैसे बने good speaker kaise bane पब्लिक स्पीकिंग कैसे करे public speaking kaise kare पब्लिक स्पीकर कैसे बने public speaker kaise bane इत्यादि।
Public Speaker Kaise Bane
बोलना भी एक कला है और इस कला को आपको सीखना पड़ता है। इस कला को आप लगातार बोल बोलकर प्रयास करके भी सीख सकते है।
अगर आपके अंदर अपनी बातों को दुसरो के सामने प्रभावशाली ढंग से रखने की कला आती है, तो आपकी सफलता का प्रतिशत और भी बढ़ जाता है।
कोई भी काम शुरू करने से पहले आप उसमे महारत हासिल नहीं कर सकते, आपको लगातार मेहनत करनी पड़ती है तब जाकर आप कुछ हासिल कर सकते है, जैसे कोई भी कलाकार परफॉरमेंस करने से पहले उसका रिहर्सल करते है।
विधार्थी परीक्षा से पहले उसकी तैयारी करते है। उसी प्रकार जब भी आप कोई नया काम शुरू करते है। उसमे शुरुआत में थोड़ी नर्वसनेस ज़रूर महसूस होती है, लेकिन लगातार प्रयास करने की वजह से आप उस काम को करना सीख जाते है।
अगर आप सबके सामने अपनी बात नहीं रख पाते है, तो कही न कही आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी है। अपने विचारों को सबके सामने सही तरीके से पेश करने के कला आपको आनी चाहिए। अगर आपके अंदर यह गुण है तो यह हर जगह काम आता है।
अगर आप एक विधार्थी है तो कक्षा में बहुत से छात्रों को अध्यापक से सवाल करने में भी घबराहट महसूस होती है ,अगर आप इंटरव्यू के लिए जाते हो तो वहां पर भी आपको इन चीजों को फेस करना होगा , बहुत से युवाओं को दुसरो से बात करने में भी शर्म आती है।
इसलिए वे ज्यादातर समय अकेला रहना पसंद करते है। अगर आपको इन सभी कामों को करने में शर्म महसूस होती है तो आप स्पीकिंग या सोशल फोबिया से ग्रस्त है।
साइकोलॉजिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक स्पीकिंग की समस्या के आनुवंशिक या मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते है, कुछ लोगो को असफलता से और लोगो के रिएक्शन से भी डर लगता है। आपके जीवन में कई बार ऐसे मौके आते है।
जब आप किसी प्रकार का कार्य करते है और आप उसमे असफल हो जाते है , बहुत से लोग आपकी गलती को लेकर आपका मज़ाक बनाते है और आप पर कमेंट करते है तो ऐसे में आप स्वयं पर दबाव बना लेते है , और आप असफलता के डर की वजह से कुछ करने का प्रयास ही नहीं करते और इसी डर की वजह से आप जीवन में पिछड़ते चले जाते है।
यहाँ पर डर भी दो प्रकार का होता है। पहला किसी जहरीले या खतरनाक जानवर का डर जोकि स्वाभाविक है और दूसरा डर होता है एग्जाइटी का डर जोकि नहीं चाहिए।
इसमें लोगो को सबके सामने बोलने से डर लगता है , ताकि उनके मुँह से कोई ऐसी बात न निकल जाये जिससे वे मज़ाक के पात्र बन जाते है।
इस विश्वास की शुरुआत हमारे बचपन के माहौल से ही होती है। बच्चे अपना ज्यादातर समय जैसे माहौल में गुज़ारते है। उसके साथ उसी प्रकार की घटनाये होने लगती है।
इसलिए हमेशा बचपन से ही घर का माहौल अच्छा रखे , ताकि बच्चों के दिमाग में डर का माहौल न बने। बच्चों में अंदर बचपन में जिस प्रकार की बाते दिमाग में बैठ जाती है, फिर वही बाते बड़े होने तक उनके दिमाग में छपी रह जाती है।
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इस समस्या से पीड़ित लोगो को जब भीड़ के सामने बोलने को कहा जाता है, तो उन्हें पसीना आने लगता है। हाथ पैर कापने लगते है। गला सूख जाता है, चेहरा पीला पड़ जाता है हृदय की धकड़क तेज होने लगती है।
इस समस्या के कारण बच्चों को पब्लिक स्पीकिंग ही नहीं बल्कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है । जोकि आपको कभी आगे नहीं बढ़ने देता है।
पब्लिक स्पीकर बनने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स

अपने डर को काबू में करे
ज्यादातर लोग ऐसे होते है, जिन्हे अगर किसी काम से भी स्टेज पर जाना पड़ जाए तो उनके पसीने छूटने लगते है, लेकिन एक स्पीकर को तो स्टेज पर बोलना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि वे अपने डर को काबू में रखे उसे स्टेज पर किसी को महसूस न होने दे।
अगर आपके अंदर डर वाली भावना होगी तो आपने जो कुछ भी तैयारी की होगी। वो सभी बाते आपके अंदर से निकल जाएगी। ऐसी स्थिति में आप और ज्यादा दबाव में आ सकते है।
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इसलिए सबसे पहले आपको अपने डर पर काबू पाना होगा। इस डर को कम करने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा स्टेज पर आकर बोलने की कोशिश करनी है।
जब आप इस काम को लगातार करोगे। तो स्टेज का डर आपके अंदर से निकल जाएगा और फिर आपके सामने चाहे कितनी भी भीड़ क्यों न हो आप इन सब के सामने भी खड़े होकर बिना डरे बोल पाओगे।
हमेशा सरल शब्दों का उपयोग करे
अगर आप एक सफल पब्लिक स्पीकर बनना चाहते है, तो आपको स्टेज पर बोलते समय हमेशा सरल शब्दों का उपयोग करना चाहिए आपको ऐसे शब्दों का उपयोग करने से बचना है जिनके अर्थ ऑडियंस को समझ न आये।
अपने भाषण में सरल शब्दों का प्रयोग करके ही आप अपने भाषण को ज्यादा प्रभावीशाली बना सकते हैं। इसलिए यह सलाह उन सभी लोगो के लिए है जो जीवन में पब्लिक स्पीकिंग करना चाहते है तो हमेशा सरल शब्दों का प्रयोग करें , ताकि आपकी बात ज्यादा से ज्यादा लोगो को समझ आ सकें।
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हमेशा श्रोताओं से आई कांटेक्ट मिलाकर कर बोले
अगर आप अपने श्रोताओं के दिल में अपनी एक अलग छाप छोड़ना चाहते है, तो हमेशा उनके सामने बोलते समय आँख मिलाकर बात करे ताकि उन्हें यह महसूस न हो कि आप उनसे बचने का प्रयास कर रहे है।
जब आप श्रोताओं से नजरें मिलाकर अपने बात करोगे तो आपके अंदर खुद ब खुद आत्मविश्वास पैदा हो जाएगा। ऐसा करने से आपको बोलने के लिए बहुत से टॉपिक खुद ही मिल जायेंगे।
कागज पर लिखकर बोलने से बचे
बहुत से लोग यही गलती करते है कि वे अपने पूरे भाषण को एक कागज पर लिख लेते हैं और फिर उसे देखकर बोलते रहते हैं। ऐसा करने से आप न तो श्रोताओ पर अपना प्रभाव छोड़ पाओगे और न ही एक अच्छे स्पीकर बन पाओगे।
कागज पर लिखकर बोलने की इस प्रकिर्या को आप शुरुआत में कर सकते हो क्योकि शुरुआत में हम बहुत सी बाते भूल जाते है, परंतु पूरा का पूरा भाषण कागज से देखकर बोलना बिल्कुल भी उचित नहीं है। श्रोताओ को लगता है कि कोई उन्हें किताब पढ़कर सुना रहा है इससे श्रोता भी जल्दी बोर होने लगते है।
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अगर लिखना ही है तो आप भाषण के कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक की लिस्ट बना सकते हो, लेकिन उन टॉपिक को एक्सप्लेन कैसे करना है इसकी तैयारी आपको पहले ही करनी है।
श्रोताओ को भाषण भी वही अच्छा लगता है जो बिना कागज के अपने मन से बोला जाता है। जरूरी नहीं है कि आप सभी बिंदुओं को क्रमानुसार बोले।
ऐसा भी हो सकता है कि आप भाषण की शुरुआत में ही शुरू के दो तीन बिंदु भूल जाये। ऐसे में आप अंतिम बिंदु बोलकर भी शुरुआत कर सकते है। जब आप अपना भाषण शुरू करोगे तो धीरे धीरे आपको अन्य बिंदु भी याद आ जायेंगे।
भाषण शरू करने से पहले एक दोस्ताना माहौल बनायें
एक अच्छे स्पीकर का एक गुण यह भी है कि वह अपने भाषण की शुरुआत एक दम से नहीं करता है। वह हमेशा भाषण शुरू करने से पहले अपने और श्रोताओ के बीच कुछ फनी बाते करता है।
जो लोगो की लाइफ से संबंधित हो, ताकि भाषण शुरू करने से पहले लोग आपके बारे में भी जान सके। ऐसा करने पर स्पीकर और श्रोताओ के बीच एक दोस्ताना माहोल बन जाता है।
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यदि आप भाइयों, दोस्तों, बुजुर्गो , मित्रों, बहनों बोलकर सम्बोधित करते है, तो श्रोताओ में इसका प्रभाव बहुत ही अच्छा रहता है। उन्हें ऐसा लगना चाहिए जैसे कोई उनका दोस्त उनसे बातें कर रहा है। इस प्रकार दोस्ताना माहोल बना लेने लेने से अब वे आपकी बाते ध्यान से सुनेगे।
गलती हो जाने पर माफ़ी मांगने में शर्म महसूस न करे
ये बात सत्य है कि इंसान ग़लतियाँ करके ही सीखता है और स्पीकर को तो अपना काम भरी भीड़ के सामने करना पड़ता है। ऐसी स्तिथि में गलतियां करने के चांस भी बड़ जाते है।
अगर श्रोताओं के सामने बोलते समय आपके मुंह से कोई गलत शब्द निकल गया, या आपसे कोई बात गलत हो जाये ( जैसे कि आपने किसी चीज में बारे में गलत जानकारी दे दी ) तो ऐसी स्थिति में माफ़ी मांगते हुए न शर्माए।
आप बोल सकते है, माफ़ कीजिएगा ये बात ऐसे नहीं ऐसे थी। बोलकर आगे बड़ जाये। माफी मांगने में कोई बुराई नहीं है। गलती किसी से भी हो सकती है। अपनी गलती को स्वीकार करना एक अच्छे इंसान की निशानी है।
श्रोताओ के सामने बोलते समय जल्दबाजी न दिखाए। हमेशा अपनी बातो धीरे धीरे दुसरो तक पहुचाये ताकि सामने वालो को अच्छे से समझ आ सके। स्पीड पर कंट्रोल रखने से गलती होने के चांस भी कम रहेंगे।
श्रोताओं में उत्साह पैदा करें
एक अच्छा श्रोता वही कहलाता है। जो अपने श्रोताओं के बीच अपने विचारों से अपनी बातो से उत्साह भर दे। जब भी वे आपका भाषण सुने या आपके विचारों को सुने तो उनके उनके अंदर उत्साह और जोश पैदा होना चाहिए।
कुछ लोगों में बोलने का हुनर बचपन से ही होता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि आप स्पीकर नहीं बन सकते है। किसी भी काम को बार बार करने से आप उसमे महारत हासिल कर सकते हो।
स्वयं पर विश्वास रखे
इंसान का आत्मविश्वास ही उसे कामयाब बनाता है। इसलिए आप जहा पर भी अपना आत्मविश्वास बनाये रखे। अगर आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी है तो आप कभी भी एक सफल स्पीकर तो क्या अपने जीवन में कुछ बड़ा काम कभी भी नहीं कर सकते।
इसलिए हमेशा अपने आप को यह विश्वास दिलाते हुए अपने दिमाग को यह संकेत दे कि आप एक सफल वक्ता है, क्योंकि जैसा आप अपने बारे में में सोचते है आपको परिणाम भी उसी के अनुरूप मिलता है।
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आप अपने दिमाग को जिस दिशा की ओर संकेत देते है तो आप कार्य भी वैसा ही करने लग जाते है। मान लीजिए आपने बार-बार अपने दिमाग को यह संकेत दिया कि आप असफल है।
आप अपने अंदर से पहले ही हार मान लेते तो आप निश्चित ही असफल होंगे। इसलिए अपने मस्तिष्क मन और को हमेशा सफलता और आत्मविश्वास का संकेत देते रहिये। जिससे आप प्रसन्न रहेंगे। कभी भी अपने आप को कमजोर और हारा हुआ ना समझे।
भाषा का विशेष रूप से ख्याल रखे
किसी भी भाषण को सफल बनाने में भाषा शैली का अहम योगदान होता है। इसलिए हमेशा अपनी भाषा का ख्याल रखे। ऐसा ना हो कि आप अपने भाषण मे बार-बार गलत शब्दों का इस्तेमाल करे।
इसलिए आप जब भी बोले आराम से बोले, आराम से बोलने से ग़लतियाँ होने के चांस कम हो जाते है। आप जहाँ भी भाषण के लिए जाए आपको वहां की भाषा का ज्ञान भी होना चाहिए, जैसे कि – नमस्कार, सलाम, जोहार, आदि इससे श्रोता तहे दिल से आपके साथ जुड़ेंगे।
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दूसरे स्पीकर के भाषण की नकल करने से बचे
बहुत से स्पीकर ऐसे होते है जो दूसरे स्पीकर्स के भाषण की नकल करके हुबहू श्रोताओं तक पहुँचाते हैं | लेकिन जो श्रोता उस भाषण को पहले ही सुन चुके हैं। वे आपका भाषण सुनने के लिए अपना समय दोबारा नष्ट नहीं करेंगे।
इसलिए ऐसी स्थिति में थोड़ा अपने दिमाग का भी इस्तेमाल करेआप दुसरो के भाषण से आइडिया तो ले सकते है। लेकिन उन्हें कैसे विस्तार से कैसे बताना है। इसकी तैयारी आपको पहले ही करनी होगी।
भाषण की शुरुआत बड़ी ही सादगी से करे और फिर धीरे धीरे उसमे एनर्जी लेवल बढ़ाते जाये । भाषण के द्वारा स्वयं की अलग पहचान बनाने का प्रयास करे।
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लेख मे आपने क्या सीखा
इस लेख मे हमने आपको पब्लिक स्पीकिंग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे मे विस्तार से समझाया है कि किस प्रकार से कोई भी युवा इन बातों का उपयोग करके एक अच्छे वक्ता बन सकता है।
इस लेख मे हमने आपको बताया है कि स्पीकर कैसे बने good speaker kaise bane पब्लिक स्पीकिंग कैसे करे public speaking kaise kare पब्लिक स्पीकर कैसे बने public speaker kaise bane इत्यादि। अगर आपको हमारी ये जानकारी पसंद आई है तो आप अपनी राय हमे कमेन्ट बॉक्स मे बता सकते है। इस जानकारी को दुसरे युवाओ के साथ भी शेयर करे ताकि वे भी इसका फायदा ले सके। धन्यवाद

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बहुत अच्छि जानकारी हैं धन्यवाद
बहुत अच्छा है,आपका ये लेख,बहुत से लोगो को मदद मिलेगी इसे पढ़ने के बाद,किन्तु सर्वप्रथम डर को निकालना होगा,तभी इस लेख का पढ़ना सफल होगा।
Teligram me me speaker ko kese bulaye
चेहरे पर मुस्कुराहट और लोगों की आंखों में डाल कर एक दोस्ताना संपर्क बहुत जरूरी है क्योंकि तभी लोग आपको पसंद करेंगे