आज के डिजिटल समय मे जिस प्रकार से ज्यादा से ज्यादा छात्रों तक अनलाइन लर्निंग की सुविधा पहुच रही है। जिसके कारण छात्रों के समय और पैसा दोनों की बचत होती है, लेकिन बढ़ती हुई अनलाइन टेक्नोलॉजी के कारण कुछ नए मिथ भी सामने आ रहे है।
जिसके कारण कुछ लोग अनलाइन लर्निंग को अपनाने के लिए कन्फ्यूज है। ऐसे मे अगर आप भी पढ़ाई के इस नए ट्रेंड की वजह से कन्फ्यूज है, तो इस लेख को अंत तक पढे क्योंकि इस लेख मे हम आपको ई लर्निंग पढ़ाई के दौरान आने वाली कुछ समस्याओ के बारे मे विस्तार से जानकारी देने वाले है। या आपके ई लर्निंग टेक्नोलॉजी को लेकर कुछ डाउट भी हो सकते है जिन्हे हल करना बेहद जरूरी है नहीं तो आप इस अच्छी सुविधा के लाभ से वंचित रह जाओगे।
ई लर्निंग से संबंधित छात्रों के कुछ डाउट e learning Students doubt hindi
शिक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन ई लर्निंग का ट्रेंड अभी नया है। जिसके कारण अभी ज्यादातर विद्यार्थी इस सुविधा का लाभ लेने से डरते रहते है कि काही उनका पैसा खराब न हो जाए या उनके साथ किसी प्रकार का फ्रॉड न हो,
हालांकि शहरी या मेट्रो सिटी मे रहने वाले विद्यार्थी और प्रोफेशनल्स ई लर्निंग के बारे में अच्छी समझ रखते है। ग्रामीण क्षेत्रों मे रहने वाले छात्रों को अभी इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है जिसके कारण वे इसका फायदा लेने से झिझकते है।
इस तरह के सवाल उठना लाजमी है क्योंकि एक तरफ तो अनलाइन ई लर्निंग को बढ़ावा दिया जा रहा है और दूसरी और अभी इस टेक्नोलॉजी के बारे मे लोगों को अच्छा ज्ञान ही नहीं है। इसलिए जरूरी है कि पहले उन सवालों को लोगों के जेहन से निकाले जो लोगों के मन मे उठ रहे है
ई लर्निंग के बाद शिक्षकों की संख्या घट जाएगी
ऑनलाइन ई लर्निंग में छात्र घर बैठे ही अपने किसी भी पसंदीदा इंस्टीट्यूट से अपना मनपसंद कोर्स कर सकते है। जिसके कारण लोगों के मन यह सवाल उठने लगता है कि जब छात्र घर बैठे ही अपनी समस्याओं का समाधान कर रहे है तो ऐसे में शिक्षकों की क्या जरूरत है। जोकि सही नहीं है
ई लर्निंग की यह टेक्नोलॉजी शिक्षकों की जरूरतों को कम करने के बजाए , अच्छा ज्ञान रखने वाले शिक्षकों को अधिक से अधिक छात्रों के साथ जोड़ने का काफी सरल प्लेटफ़ॉर्म है क्योंकि आमतौर पर स्कूली कक्षाओ की तुलना मे ऑनलाइन संस्थान कक्ष की संख्या को लेकर ज्यादा अनुसाशित होते है।
जिसके कारण वे अपने कोर्सज को सीमित कक्षाओ मे ही खत्म करने पर जोर देते है, ऐसे मे ऑनलाइन संस्थान मे योग्य शिक्षकों की जरूरत और बढ़ जाती है। उन्हे नए कोर्स तैयार करने , पुराने कोर्सज का रिवीजन कराने और छात्रों की समस्याओ का जल्द से जल्द जवाब देने के लिए पारंपरिक स्कूलों की अपेक्षा ज्यादा शिक्षकों की आवश्यकता होती है।
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सभी अनलाइन कोर्स एक जैसे होते है
अनलाइन शिक्षा का मतलब कोर्स का मिश्रण प्रस्तुत करना नहीं है, बल्कि हर संस्थान को अपने अनुसार कोर्स को डिजाइन करने व अपने तरीके से उसे छात्रों तक पहुचाने की आजादी होती है।
ऐसे मे ऐसे प्रोफेसर भारी भरकम पाठों व लेक्चरार स्लाइड्स के माध्यम से पढ़ाना पसंद करते है, तो कुछ शिक्षकों ऑडियो , विडिओ व अन्य दूसरे माध्यमों से पढ़ाना पसंद करते है अनलाइन लर्निंग के दौरान इस बात को काफी महत्व दिया जाता है कि किस अध्यापक के पढ़ाने के तरीका मजेदार है।
जिसके कारण छात्र किसी भी टॉपिक या कोर्स को आसानी से समझ सके। इसलिए सभी अनलाइन कोर्सेज केवल एक तरह के ही होते है। ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है।
शिक्षा की क्वालिटी मे कमी आना
ई लर्निंग के दौर से पहले छात्रों को क्लासरूम मे पढ़ाई करना पसंद था इसलिए छात्रों को लगता है कि अनलाइन ई लर्निंग क्लासरूम शिक्षा की तुलना मे कम गुणवत्ता रखती है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
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आप अनलाइन ई लर्निंग मे जिस प्रकार की क्वालिटी का कंटेन्ट पढ़ना चाहते है। आपको उसी प्रकार का कंटेन्ट मिल जाता है। छात्रों को ये कंटेन्ट ई लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म , व अलग अलग पोर्टल और ऐप के माध्यम से आसानी से मिल सकता है।
स्मार्टफोन ऐप्स और वर्चुअल क्लासरूम ने पढ़ाई को आसान बनाने के साथ ही उसकी क्वालिटी बढ़ाने मे भी काफी मेहनत की है। यही कारण है की ई लर्निंग इंडस्ट्री तेजी से ग्रो कर रही है और आने वाले समय मे यह और भी तेजी से बढ़ने वाली है
ई लर्निंग के लिए कंप्यूटर ज्ञान होना जरूरी है
ज्यादातर छात्रों मे ये गलतफहमी बनी हुई है कि ई लर्निंग केवल और केवल उन छात्रों के लिए है जिन्हें कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान है या जिन्होंने कंप्यूटर का कोर्स किया हुआ है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
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ऑनलाइन ई लर्निंग के लिए किसी कंप्यूटर एक्सपर्ट्स होने की जरूरत नहीं होती है। आमतौर पर इसके लिए केवल बुनियादी इंटरनेट उपयोग ऑडियो और विडिओ की जानकारी होना ही काफी है, लेकिन इसके बावजूद भी अगर छात्र को ई लर्निंग से पढ़ाई करने मे दिक्कत होती है तो, इसके लिए टिप्स लेने के बहुत से संसधान उपलब्ध है या आप इसके लिए अपने अध्यापक से भी सलाह ले सकते है।
ई लर्निंग में छात्रों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता
बहुत से छात्रों मे ये भी गलतफहमी बनी हुई है कि अनलाइन लर्निंग मे छात्रों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। ई लर्निंग को छात्रों के लिए इस प्रकार से डिजाइन किया जाता है ताकि कोई भी टॉपिक छात्रों को आसानी से समझ मे आ सके।
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अगर उन्हे किसी प्रकार की प्रॉबलम हो तो उसके समाधान के लिए विकल्प मौजूद रहते है। अगर ई लर्निंग मे छात्रों की समस्या का समाधान नहीं किए जाएगा तो जो इंडस्ट्री आज इतनी तेजी से बढ़ रही है वो नहीं बढ़ पाएगी।
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