कोई भी व्यक्ति जब किसी स्टार्टअप की शुरुआत करता हैं तो शुरुआत में उसका बस यह सपना रहता हैं कि उसका स्टार्टअप सफल हो जाए। उसे नहीं पता होता कि आज उसने बस जिस बिजनेस स्टार्टअप की शुरुआत की हैं। वो आने वाले दिनों में दुनिया की टॉप कंपनियों में शामिल होगी या नहीं।
इंडिया में आपको ऐसे अनेक स्टार्टअप मिल जाएंगे जिनकी शुरुआत केवल छोटे से विजन के साथ की गई। लेकिन आज उनकी पहचान दुनिया में बन गई हैं। आज वे अरबों रुपये का बिजनेस कर रही हैं। ऐसे स्टार्टअप के लिए एक केटेगीरी बनाई गई हैं जिसे यूनिकॉर्न स्टार्टअप के नाम से जाना जाता हैं।
अगर कोई स्टार्टअप जिसकी वैल्यूएशन, एक बिलियन डॉलर से ज्यादा हो वो इस कैटेगरी में शामिल हो जाता हैं। अगर आप यूनिकॉर्न स्टार्टअप के बारें में नहीं जानते तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।
इस लेख में हम आपको यूनिकॉर्न स्टार्टअप के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। कि यूनिकॉर्न क्या होता हैं। unicorn kya hota hai , यूनिकॉर्न क्या हैं। unicorn kya hai इसकी शुरुआत कब की गई। कौन सी कंपनी यूनिकॉर्न स्टार्टअप में शामिल हो सकती हैं।
Unicorn Kya Hota Hai
देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार अलग अलग प्रकार की स्टार्टअप से जुड़ी हुई योजनाए लेकर आई है। ताकि देश में स्टार्टअप की संख्या बढ़ सकें जिससे युवाओ के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। जैसे कि स्टार्टअप इंडिया , आत्मनिर्भर भारत अभियान , मेक इन इंडिया , मुद्रा लोन योजना इत्यादि।
इन योजनाओ का फायदा यह हुआ कि अब योजना शिक्षा प्राप्त करने के बाद केवल जॉब के भरोसे नहीं रहता बल्कि स्टार्टअप करने के लिए भी काफी मेहनत करता हैं। जिसका असर देखने को काफी मिल रहा हैं। देश में पिछले कुछ वर्षों में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या तेजी से बढ़ी हैं। इसलिए इंडिया को स्टार्टअप हब कहना गलत नहीं होगा।
जब आप किसी बिजनेस की शुरुआत करते हो तो शुरुआत में उसकी कोई गारंटी नहीं होती हैं कि आपका बिजनेस चलेगा या नहीं। जिसके कारण दूसरे इन्वेस्टर उसमें पैसे निवेश करने से डरते हैं। लेकिन जब आपका स्टार्टअप ग्रो होने लगता हैं। इन्वेस्टरों को आपके स्टार्टअप में भविष्य नजर आने लगता हैं। तो फिर इन्वेस्टर आपके स्टार्टअप में निवेश करने लगते हैं। जिससे आपके स्टार्टअप की गति कई गुना बढ़ जाती हैं।
यूनिकॉर्न की शुरुआत कब हुई
यूनिकॉर्न का नाम सबसे पहले 1990 के दशक में सामने आया था। लेकिन यूनिकॉर्न शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल 2013 में कैलिफोर्निया के पालो अल्टो में स्थित एक सीड-स्टेज वेंचर कैपिटल फंड काउबॉय वेंचर्स के संस्थापक वेंचर कैपिटलिस्ट ऐलीन ली के द्वारा किया गया था।
1990 के दशक में अल्फाबेट और गूगल सबसे पहली सुपर यूनिकॉर्न कंपनी थी। जिसका वैल्यूएशन 100 बिलियन डॉलर से अधिक था। उसके बाद इस दशन की सुपर यूनिकॉर्न फेसबुक थी।
यूनिकॉर्न स्टार्टअप क्या होता है? Unicorn Startup Kya Hai
यूनिकॉर्न स्टार्टअप में वो कंपनी या स्टार्टअप शामिल होता हैं। जिसकी वैल्यूशन एक बिलियन डॉलर यानी सौ करोड़ रुपये या उससे अधिक हो। यूनिकॉर्न में केवल निजी स्टार्टअप / कंपनी का चुनाव किया जाता हैं।
जब कोई भी व्यक्ति स्टार्टअप की शुरुआत करता हैं। यूनिकॉर्न शब्द वेंचर कैपिटल इंडस्ट्री में प्रयोग किया जाने वाला एक शब्द है।
शुरुआत करने को कुछ ही वर्षों में अगर स्टार्टअप की वैल्यूशन एक बिलियन डॉलर पहुच जाती हैं। इसका मतलब हैं आपका स्टार्टअप ग्रो कर रहा हैं। उसी को हाइलाइट करने के लिए ऐसे स्टार्टअप के लिए यूनिकॉर्न शब्द का इस्तेमाल किया जाता हैं।
वर्तमान समय में इंडिया में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या लगभग एक हजार के पार कर गई हैं। – यूनिकॉर्न कंपनियों में कुछ कंपनीयाप्रमुख हैं। स्पेसएक्स, रोबिनहुड ,इंस्टाकर्ट बेजूस , अनकेडमी , फिजिक्स वाला , जमेटो , स्विगी
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भारत यूनिकॉर्न देशों के टॉप 3 में शामिल हुआ
इंडिया में स्टार्टअप का ट्रेंड काफी देर से शुरू हुआ। लेकिन जैसे ही यह शुरू हुई इसने दुनिया में रफ्तार पकड़ ली जो अब रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। वर्तमान समय में स्टार्टअप की दृष्टि से इंडिया तीसरी नंबर का स्टार्टअप हब बन चुका हैं। अब इंडिया से आगे अमेरिका पहले और चाइना दूसरे नंबर हैं।
दुनिया में यूनिकॉर्न कंपनियां जिनकी वैल्यू 1 बिलियन डॉलर से अधिक हैं। एक हजार पार कर गई हैं। जिसमें अमेरिका 487, चीन में 301 और भारत में 100 पार कर गई हैं।
इंडिया से पहले तीसरे नंबर इंगलैंड था। लेकिन इंडिया में स्टार्टअप के बढ़ते हुए कल्चर को देखते हुए इंडिया ने इंगलेंड को पछाड़ कर तीसरे स्थान पर कब्जा कर लिया हैं। जोकि हम भारतीयों के लिए गर्व की बात हैं।
यूनिकॉर्न में शामिल होने वाली इंडिया की कंपनियों की कुल वैल्यूएशन 330 बिलियन डॉलर, यानी, 25 लाख करोड़ रुपयों से अधिक पार गई हैं। 2022 में लगभग 14 नए यूनिकॉर्न स्टार्टअप बने हैं।
इंडिया में Ecommerce, Education, Tech, Biotech, Finance सेक्टर में काम करने वाले सेक्टर तेजी से ग्रो कर रहे हैं। जो केवल शहरों तक ही सीमित नहीं हैं। ये छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्र में भी तेजी से काम रहे हैं। जोकि हमारे लिए अच्छी बात हैं।
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स्टार्टअप के यूनिकॉर्न बनने के फायदे ?
जब कोई कंपनी / स्टार्टअप यूनिकॉर्न की लिस्ट में शामिल हो जाता हैं। तो कंपनी को उसके अनेक फायदे मिलते हैं।
- जब कोई कंपनी अपना वैल्यूएशन एक बिलियन डॉलर से अधिक हो जाती हैं तो वो यूनिकॉर्न कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो जाती हैं। यानि कि कंपनी के पास खुद का एक अच्छा बजट होता हैं। जिसका इस्तेमाल वे बिजनेस को और बढ़ाने मार्केटिंग करने के लिए कर सकते हैं।
- जब कोई स्टार्टअप की शुरुआत होती हैं। इन्वेस्टर उसमें निवेश करने से डरते हैं। उन्हें डर लगता हैं कि आग ये स्टार्टअप फेल हो गया। तो उनका सारा पैसा डूब जाएगा। लेकिन जब कोई कंपनी यूनिकॉर्न कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो जाती हैं। तो निवेशकों को पूरा भरोसा हो जाता हैं। तो ये कंपनी तेजी से ग्रो कर रही हैं। इसमें निवेश करने से उन्हें अच्छा रिटर्न मिलेगा। इसलिए निवेशक यूनिकॉर्न कंपनियों में निवेश करने से पीछे नहीं हटते।
अगर आप भी खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें।
इंडिया टॉप यूनिकॉर्न स्टार्टअप
पेटीएम Paytm
पेटीएम की शुरुआत वर्ष 2010 में विजय शेखर शर्मा ने की थी। जोकि एक डिजिटल पेमेंट ऐप हैं। पेटीएम 2015 में यूनिकॉर्न स्टार्टअप में शामिल हुआ। इसका हेड ऑफिस नोएडा, उत्तर प्रदेश में है।
ओयो OYO
OYO की शुरुआत वर्ष 2013 में रितेश अग्रवाल ने की थी। इसका हेड ऑफिस गुरुग्राम, हरियाणा में स्थित है। OYO का बिजनेस हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ है। जो होटल के कमरों को सस्ते दामों पर प्रोवाइड करने का काम करता हैं। वर्तमान समय में OYO यूनिकॉर्न कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो चुकी है।
बायजूस Byju’s
Byju’s की शुरुआत बीजू रवीन्द्रन ने वर्ष 2011 में की थी। Byju’s एक एडटेक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म हैं। जिसका इस्तेमाल दुनिया के लगभग 35 मिलियन से भी अधिक विद्यार्थी करते हैं। जबकि Byju’s के पास 25 लाख से अधिक पैड सब्सक्राइबर हैं।
वर्तमान समय में कंपनी की वैल्यूएशन 20 बिलियन डॉलर से अधिक है। इंडिया की यूनिकॉर्न कंपनियों की लिस्ट में Byju’s भी शामिल हैं। इसका हेड ऑफिस बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थित है।
स्विगी Swiggy
swiggy की शुरुआत नंदन रेड्डी, श्रीहर्ष मेजेस्टी और राहुल जैमिनी के द्वारा वर्ष 2014 में की गई थी। जिसके इंडिया में एक करोड़ से अधिक एक्टिव कस्टमर हैं। swiggy इंडिया की ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली सबसे सबसे बड़ी कंपनियों में से एक हैं। जोकि ऑर्डर के कुछ ही मिनट में फूड डिलीवर करती हैं। swiggy यूनिकॉर्न कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो चुकी हैं।
जोमैटो Zomato
zomato की शुरुआत दीपेन्द्र गोयल और पंकज चड्डा के द्वारा 2008 में की गई थी। जिसका हेड ऑफिस हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित हैं। zomato भी swiggy की तरह ऑनलाइन डिलीवर करने वाला प्लेटफ़ॉर्म हैं। जो रेस्टोरेंट से सीधे कस्टमर तक खाना डिलीवर करता हैं।
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बिग बास्केट Bigbasket
Bigbasket की शुरुआत हरि मेनन, वी.एस. सुधाकर, विपुल पारेख, अभिनय चौधरी और वी.एस. रमेश ने मिलकर वर्ष 2011 में की थी। Bigbasket इंडिया का सबसे बड़ा ग्रॉसरी प्रोडक्ट ऑनलाइन डिलीवर करने वाला प्लेटफ़ॉर्म है। जिसका हेड ऑफिस बेंगलुरु में स्थित है। Bigbasket कंपनी में रोजाना एक लाख से अधिक ऑर्डर आते हैं।
अनअकेडमी Unacademy
Unacademyकी शुरुआत वर्ष 2015 में गौरव मुंजाल, हिमेश सिंह, रोमन सैनी और सचिन गुप्ता के द्वारा की गई थी। Unacademy एक ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफ़ॉर्म हैं।
अगर आप किसी भी प्रकार की सरकारी नौकरी की तैयारी करना चाहते हैं तो आप इस इस प्लेटफ़ॉर्म की मदद से घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं। वो भी बहुत कम खर्च पर, Unacademy वर्ष 2020 में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की सूची में शामिल हो गई थी।
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