तुलसी की खेती का बिजनेस कैसे शुरू करे। सम्पूर्ण जानकारी Tulsi ki Kheti Kaise Kare

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Tulsi Farming Kaise Kare
Tulsi Farming Kaise Kare

भारत मे तुलसी के पौधे को एक पूजनीय पौधा माना है। जिसके कारण हिन्दू धर्म के लोग इस पौधे को अपने घर मे लगाना शुभ समझते है। इस पौधा एक इस्तेमाल अलग अलग तरीकों से किया जाता है। कोई इसका इस्तेमाल औषधि बनाने के लिए करता है तो अपने घर मे पूजा करने के लिए लगता है।

इस पौधे की एक सबसे अनोखी बात यह है कि ये रात मे भी ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है। जड़ से लेकर पत्ती ताने तने तक इस पौधे के सभी हिस्से उपयोगी है।

इतना उपयोगी होने के बाद भी देश मे तुलसी के पौधों की काफी कमी है यही कारण है की हमेशा इसकी मांग बनी रहती है। ऐसे मे अगर आप एक किसान परिवार है या आपको खेती करना पसंद है तो तुलसी के पौधे का बिजनेस आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।

इस लेख मे हम आपको बताने वाले है कि तुलसी की फ़ार्मिंग कैसे करे Tulsi Farming Kaise Kare  तुलसी की खेती कैसे करे। Tulsi ki Kheti Kaise Kare इत्यादि। 

देश मे तुलसी की मांग 

भारत मे हिन्दू धर्म के लोग तुलसी के पौधे को पूजना शुभ समझते है। आयुर्वेद ने भी इसे एक अच्छी औषधि माना है। इस पौधे की जड़ से लेकर पत्ती तने तक सभी औषधि बनाने के काम आती है। यही कारण है इस पौधे की मांग हमेशा बनी रहती है। तुलसी की मांग देश से लेकर विदेशों तक रहती है। 

लेकिन देश मे इसकी काफी कमी होने के कारण इसकी डिमांड पूरी नहीं हो पाती है। ऐसे मे अगर आप किसान परिवार है और किसी बिजनेस की तलाश मे है तो तुलसी का बिजनेस आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। 

तुलसी का इस्तेमाल 

तुलसी का इस्तेमाल लोग अलग अलग प्रकार से करते है।  कोई इसका इस्तेमाल पूजा करने के लिए करता है तो कोई औषधि के तौर पर करता है। तुलसी इस्तेमाल करने के कुछ तरीके नीचे दिए गए है। जिन्हे देखकर आप अंदाजा लगा सकते है  कि तुलसी कितना लाभदायक पौधा है। 

कोरोना महामारी मे भी लोगों ने इसका इस्तेमाल इम्यूनिटी बूस्टर के रूप मे बहुत ज्यादा किया है। जिसके कारण इसकी मांग मे पहले से कई गुना वर्धी हुई है। 

  • आयुर्वेदिक दवाइयों के नुस्खे
  • यूनानी दवाइयों 
  • होमियोपैथी 
  • एलोपैथी 

भारत में तुलसी के प्रकार 

तुलसी दो प्रकार की होती है। 

1. कृष्ण तुलसी : ये  गहरे रंग की होती है जिस पर पर्पल कलर के फूल होते है। 

2. तुलसी या राम तुलसी : इस तुलसी के हरे रंग के पत्ते होते है जिस पर काले रंग की मंजरी होती है। 

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तुलसी के फायदे  

  • तुलसी के पेड़ के अनेकों फायदे होते है। जिसकी जानकारी नीचे दी गई है। 
  • तुलसी के पौधे का इस्तेमाल नॉर्मल फीवर, कफ, गले मे इन्फेक्शन इत्यादि मे काफी लाभदायक साबित होता है। 
  • तुलसी के पौधे का इस्तेमाल जिंदगी के तनाव को कम करने मे भी किया जाता है। 
  • किडनी की पथरी को निकालने के लिए भी तुलसी काफी सहायक है। 
  • तुलसी ह्रदय को स्वस्थ्य रखने और केंसर के इलाज मे भी काफी सहायक होता है। 
  • स्मोकिंग  छोड़ने के लिए तुलसी का पौधा काफी उपयोगी है। 
  • रक्त शर्करा को कम करने के लिए भी तुलसी के पौधे का इस्तेमाल कर सकते है। 
  • बालों , और त्वचा को भी स्वस्थ रखने के लिए तुलसी काफी उपयोगी है। 
  • सरदर्द को दूर करने के लिए  तुलसी की चाय बनाकर पी सकते है। 

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बिजनेस मे निवेश 

  • तुलसी की खेती का बिजनेस शुरू करने के लिए निवेश और जमीन की जरूरत होती थी। 
  • तुलसी की खेती करने के लिए कम से कम एक हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होती है। जिसमे खेती करने के लिए कम से कम 20 से 30 हजार रुपये की जरूरत होती है। 
  • आपके पास जितने हेक्टेयर जमीन होगी उसी के अनुसार आपको खेती करने की  लागत बढ़ेगी। जिससे आपकी कमाई भी बढ़ेगी। 
  • अगर आपके पास तुलसी की खेती करने के लिए ज्यादा जमीन नहीं है। तो आप तुलसी के पौधों की छोटी सी नर्सरी भी खोल सकते है।  यही नहीं आप आप घर की छत पर तुलसी के पौधे लगाकर भी इसकी फ़ार्मिंग कर सकते है। यहा पर आपको ज्यादा निवेश करने की जरूरत नहीं होती है। 
  • आप चाहे तो दूसरों की जमीन कॉन्ट्रेक्ट पर लेकर भी इसकी खेती कर सकते है। 

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बिजनेस मे कमाई 

तुलसी की फसल तैयार होने के बाद आप से बेचकर अच्छी कमाई भी कर सकते है। इसकी खेती करने मे एक एकड़ जमीन पर लगभग 15 हजार रुपये का खर्च आता है। इस फसल को तैयार होने मे कम से कम तीन महीने का समय लगता है। फसल तैयार होने के बाद मार्केट मे इसकी कीमत तीन लाख रुपये तक होती है। 

आज के समय मे देश मे वैद्यनाथ, हर्बल ,डाबर तथा पतंजलि जैसी बड़ी बड़ी कंपनियां लोगों से कॉन्ट्रेक्ट फ़ार्मिंग करा रही है। आप चाहे तो इन कंपनियों के साथ मिलकर भी आप फ़ार्मिंग करके अच्छी कमाई कर सकते है। कॉन्ट्रेक्ट फ़ार्मिंग करने के लिए कंपनियों के खेती से संबंधित कुछ नियम होते है जिनको ध्यान मे रखते हुए आपको खेती करनी होती है। 

तुलसी की खेती के लिए आवश्यक जलवायु और मिट्टी 

तुलसी की फ़ार्मिंग करने के लिए आपको जलवायु का भी काफी ध्यान रखना होगा तभी इसकी फ़ार्मिंग कर पाओगे।  तुलसी फ़ार्मिंग उष्णकटिबंधीय और कटिबंधीय क्षेत्रों में ज्यादा बेहतर तरीके से होती है। तुलसी के पौधे ज्यादा सर्दी / पाले वाली सर्दी बर्दाश्त नहीं कर पाते है। ऐसे मे इसके पूर्ण विकास के लिए गर्म जलवायु भी काफी उपयोगी है। 

तुलसी की फ़ार्मिंग नॉर्मल मिट्टी मे अच्छी होती है। भुरभुरी, दोमट मिट्टी व कम लवण वाली मिट्टी  इसके लिए सबसे बेहतर है। जिसमे तुलसी के पौधों की पैदावार अच्छी होती है।

तुलसी की खेती कैसे करे  Tulsi ki Kheti Kaise Kare

तुलसी की फ़ार्मिंग करने के लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना पड़ता है। 

पौधे तैयार करना 

तुलसी की फसल तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको इसके छोटे छोटे पौधे तैयार करने होते है जिसके लिए एक हेक्टेयर भूमि मे तकरीबन 200 से 300 ग्राम बीज डालने होते है। बीज बोने के बाद इनकी अच्छी तरह से देखरेख करे। 10 से 12 दिन मे इन बीज से पौधे निकल आते है। लेकिन एक सही पौधा तैयार होने मे 6 हफ्तों का समय लगता है। इ

खेत में रोपाई करना 

तुलसी के पौधे तैयार होने के बाद अब खेतों मे इनकी रोपाई करना होता है। तुलसी के छोटे छोटे पौधों को छोटी नर्सरी ही हटाकर खेतों मे लगाना होता है। एक पौधे की दूसरे पौधे से दूरी कम से कम  20 से 25 के बीच होनी चाहिए। 

खाद और उर्वरक 

तुलसी के पौधे को औषधि के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिसके कारण इसमे रासायनिक उर्वरक का उपयोग न किया जाए तो बेहतर ही रहेगा। इसकी सुरक्षा के लिए आप जैविक खाद गोबर  की खाद की खाद और वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल कर सकते है। 

एक एकड़ के खेत मे तकरीबन 10 से 15 टन  गोबर की खाद की आवश्यकता होती है। जबकि वर्मी कंपोस्ट के लिए 5 टन खाद की आवश्यकता  होगी। 

सिंचाई  

पौधे लगाने के बाद अब इनके पूर्ण विकास के लिए सिंचाई की जरूरत होती है। पौधे लगाने के कुछ समय बाद ही इनकी सिंचाई करना न भूले। उसके बाद आप मिट्टी की नमी के हिसाब से सिंचाई कर सकते है। बरसात के मौसम मे इनकी सिंचाई करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। एक महीने मे कम से कम 4 से 5 बार इनकी सिंचाई जरूर करे। 

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खरपतवार नियंत्रण  

फसल के पूर्ण रूप से  तैयार होने मे खरपतवार का अहम योगदान होता है। ये एक चुनोती भर काम होता है। तुलसी के पौधे लगाने के एक महीने बाद निराई , गुड़ाई करना जरूरी है। उसके बाद दो से तीन महीने के बीच मे दूसरी निराई गुड़ाई करना जरूरी है। तभी आपकी फसल पूर्ण रूप से विकसित हो पाएगी। 

कटाई 

जब आप ऊपर दिए गए सभी स्टेप्स को फॉलो कर लेते हो उसके 10 से 12 हफ्तों के बाद इनकी कटाई का नंबर आता है। पौधों की  कटाई कब होगी। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि पौधों मे लगे फूल और उसके  निचले भाग मे पीले पत्तों को देखकर भी लगा सकते है। 

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फसल कहा पर बेचे 

फसल तैयार होने के बाद आप इसे सीधे मंडी मे बेच सकते है। इसके अलावा आप कॉम्पनियों के साथ कॉन्ट्रेक्ट ,इसके अलावा आप कंपनियो के साथ कॉन्ट्रेक्ट फ़ार्मिंग भी करके लाभ कमा सकते है। ये कंपनिया आपसे कॉन्ट्रेक्ट करके फसल तैयार होने के बाद आपका माल उठा लेते है। 

लेख मे आपने क्या सीखा 

इस लेख मे हमने आपको तुलसी की फ़ार्मिंग के बारे मे विस्तार से जानकारी दी है। कि किस प्रकार से कोई भी व्यक्ति तुलसी की फ़ार्मिंग करके अपना बिजनेस कर सकते है। इस लेख मे हमने आपको बताया है कि तुलसी की खेती कैसे करे। तुलसी फ़ार्मिंग कैसे करे Tulsi Farming Kaise Kare  तुलसी की खेती कैसे करे। Tulsi ki Kheti Kaise Kare  इत्यादि  । 

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Note

अगर आप और कम निवेश में शुरू होने वाले और भी बिजनेस आइडियाज के बारें में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। या खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट पर मौजूद बिजनेस आडियाज , स्टार्टअप गाइड , स्टार्टअप मार्केटिंग वाली केटेगीरी में दिए गए लेखों को भी एक बार जरूर पढ़ें। इससे आपको स्टार्टअप , मार्केटिंग , बिजनेस आइडियाज के बारें में और भी गहराई से जानने का मौका मिलेगा। जिसका आपका फायदा भी मिलेगा।  

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