Fire Engineer Kaise Bane | फायर सेफ़्टी इंजीनियर कैसे बनें।

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Fire Safety Engineer Kaise Bane
Fire Safety Engineer Kaise Bane

अक्सर कहा जाता है, कि आग से मत खेलों जल जाओगे, लेकिन आग से खेलना आपके आपको एक अच्छा करियर जरूरत दे सकता है।  इस बात की कोई गारंटी नहई रहती है, कि आग कब लगेगी, अगर जब आग लगती है, तो उसके लिए एक ऐसी टीम की जरूरत होती है।  जो बड़ी से बड़ी आग को भी बिना डरे आसानी से बुझा सके।  

आज हम आपको इस लेख मे आग से जुड़े इसी करियर के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने वाले है, ताकि आप आसानी से करियर बना सको। 

इस लेख मे हम आपको बताने वाले है।

  • फायर इंजीनियरिंग कैसे करें। fire engineering kaise kare
  • फायर इंजीनियर कैसे बने fire engineer kaise bane
  • फायर सेफ़्टी इंजीनियर कैसे बने fire engineer kaise bane  इत्यादि।  

फायर सेफ़्टी इंजीनियर कैसे बने Fire Engineer Kaise Bane

आपने देखा होगा कि, जब भी किसी जगह पर आग लगती है, जैसे कि शॉपिंग माल  ऑफ़िस, बिल्डिंग्स , इत्यादि मे आग लगने पर लोगों का करोड़ों रुपये तक का नुकसान हो जाता है, लेकिन समय रहते हुए आग पर काबू पाना बहुत जरूरी होता है, नही तो, बहुत बड़ी घटना हो सकती है। 

आग पर काबू पाने के लिए फायर इंजीनियरस की टीम की जरूरत होती। जिसका कार्य आग की किस्म का पता करने आग को बुझाने के तरीकों को खोजने, आग मे घिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने  जैसे जानकारी होना बेहद आवश्यक है। 

फायर इंजीनियरिंग मे कार्य का स्वरूप 

फायर डिपार्टमेंट से जुड़ा एक करियर विकल्प के अलावा समाज सेवा के तौर पर भी देखा जाता है, क्योंकि फायर फाइटर्स का मुख्य कार्य आग लगने के कारणों का पता लगाना 

फायर मैन Fire Man

आग बुझाने मे सबसे अहम रोल फायर मैन का ही होता है।  जो सीधे आग से टकराता है।  फायर मैन की टीम प्रत्येक फायर स्टेशन मे तैनात रहती है।  जो किसी भी समय आग लगने पर, आग वाले स्थान पर भेजी जाती है।  

फायर सब ऑफिसर Fire Sub Officer

फायरमैन से ऊपर पद वाला सब ऑफिसर होता है। जिसके नेतृत्व मे फायर मैन लीडिग फायर मैन कार्य करते है।

ऑफिसर का कार्य आग वाली जगह का सही तरीके से आकलन करके टीम को दिशा निर्देश देना है ताकि जल्द से जल्द आग पर कैसे काबू पाया जाए।  जिससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। 

फायर स्टेशन ऑफिसर Fire Station Officer

फायर स्टेशन एक जगह होती है,, जहा से जरूरत पढ़ने पर आग बुझाने के लिए टीम भेजी जाती है। स्टेशन ऑफिसर उसी स्टेशन का हेड होता है।

जिसका कार्य न सिर्फ टीम को भेजना है, बल्कि वो इस बात की जानकारी भी रखता है, कि उसके दायरे मे आने वाले इलाकों मे किस प्रकार की इमारतें, फेक्टरिया , भवन है रिहायशी इलाक़ा है या नहीं 

ताकि आग के समय ज्यादा दिमाग न लगाना पड़े और जल्द ही आग पर काबू किया जा सके। 

असिसटेंट डिविज़नल ऑफिसर Fire Assistance Division Officer

पूरे राज्य को अलग अलग डिविजन मे बाँटा गया है।  ऐसे मे हर डिविजन की ज़िम्मेदारी असिसटेंट डिविजन ऑफिसर की होती है। उसके इलाकों मे आने वाले भवनों , इमारतों , जगहों पर आग बुझाने के बंदोबस्त सही है या नहीं ये सभी देखने की ज़िम्मेदारी असिसटेंट डिविज़नल ऑफिसर की होती है। 

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चीफ फायर ऑफिसर Chief Fire Officer

चीफ फायर ऑफिसर पूरे फायर डिपार्टमेंट का हेड होता है। जिसकी  देखरेख निर्देश समन्वय और प्रेरणा से पूरा फायर विभाग चलता है।

राज्यों मे आग लगने की घटनाएँ कम से कम हो और आग लगने पर उनसे कैसे निपटा जाए। उसके लिए चीफ फायर ऑफिसर फायर डिपार्टमेंट मे कार्य करने वाले सभी लोगों को समय समय पर ट्रेनिंग देते रहते है,।  

योग्यता 

फायर इंजीनियरिंग मे करियर बनाने के इच्छुक छात्रों को सबसे पहले अपने बारहवीं की परीक्षा साइंस स्ट्रीम यानि फ़िज़िक्स केमिस्ट्री , मेथामेटिक्स जैसे विषयों के साथ पास करना अनिवार्य है। उसके बाद आप फायर इंजीनियरिंग से जुड़े हुए डिग्री डिप्लोमा कोर्स कर सकते है या जेई मेंस एन्ट्रेंस एग्जाम जैसी परीक्षा पास करके फायर इंजीनियरिंग से जुड़े कोर्स मे दाख़िला ले सकते  है।

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  1. डिप्लोमा इन फायर एंड सेफ़्टी 
  2. पीजी डिप्लोमा ईइन फायर एंड सेफ़्टी 
  3. बीएससी इन फायर इंजीनियरिंग 
  4. सर्टिफिकेट कोर्स इन फायर फाइटिंग 
  5. फायर टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट 
  6. इंडस्ट्रियल  सेफ्टी सुपरवाइजर 
  7. रेस्क्यू एंड फायर फाइटिंग 

इस कोर्स की अवधि 6 माह से लेकर तीन वर्ष तक की है आप जितना अच्छा कोर्स करोगे उतने ही अच्छे पोस्ट पर आपको जॉब मिलने की संभावना रहती है। 

शारीरिक योग्यता 

चुकि यह क्षेत्र चुनोटियों से भरा हुआ है, इसलिए इस क्षेत्र मे करियर बनाने के लिए शारीरिक योग्यता भी मापी जाती है। पुरषों  के लिए न्यूनतम लंबाई 165 सेंटीमीटर, वजन 50 किलोग्राम, जबकि महिलाओ के लिए न्यूनतम लंबाई 157 सेंटीमीटर और वजन 46 किलोग्राम तक होना चाहिए।  इसके अलावा आई विजन दोनों के लिए 6/6 होनी चाहिए और आयु 19 से 23 वर्ष के बीच होनी चाहिए। 

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जॉब के अवसर 

आज से कुछ वर्षों पहले केवल महानगरों मे फायर स्टेशन होते थे। लेकिन आग की घटनाएँ दिन प्रतिदिन बढ़ने के कारण आजकल छोटे छोटे नगरों मे भी फायर स्टेशनों की संख्या बढ़ रही है। 

यही नही आग की बढ़ती हुई घटनाओं को देखते हुए सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों मे एक एक फायर इंजीनियर की नियुक्ति  की जाती है।  फायर इंजीनियर की जरूरत अग्निशमन विभाग के अलावा आरकेटेक्चर और बिल्डिंग निर्माण इंसयोरेंस एसेस्मेंट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, रिफ़ाइनरी, गैस फ़ैक्टरी, निर्माण उद्योग, प्लास्टिक, एलपीजी तथा केमिकल्स प्लांट, बहुमंजिली इमारतें व एयरपोर्ट इत्यादि मे भी होती है। 

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फायर इंजीनियर संबंधी देश के कुछ प्रमुख संस्थान 

  • दिल्ली कॉलेज ऑफ फायर सेफ़्टी इंजीनियरिंग , दिल्ली 
  • इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी , दिल्ली 
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फायर डिजास्टर एंड एनवायरमेंट मैनेजमेंट म नागपुर 
  • गंगा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट दिल्ली 
  • इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट पुणे महाराष्ट्र
  • इंस्टिट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट फायर सेफ्टी पंजाब 

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लेख मे आपने क्या सीखा 

इस इस लेख मे हमने आपको इंजीनियरिंग से जुड़े हुए करियर फायर इंजीनियरिंग कोर्स के बारे मे बताया है।  आग से खेलने के इच्छुक युवा इसमे अपना करियर बना सकते है।  

इस लेख मे हमने आपको बताया है,कि fire engineering me career kaise banaye, fire engineer kaise bane , fire safety engineer kaise bane इत्यादि। अगर आपको हमारी ये जानकारी पसंद आई है, तो आप अपनी राय हमे कमेन्ट बॉक्स मे जरूर बताए।

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