आज से लगभग 20 वर्ष पहले लोगों के पास मोबाइल नहीं हुआ करते थे। मोबाइल से पहले लेंडलाइन फोन की शुरुआत हुई थी जो केवल अमीर घरों मे हुआ करते थे. फिर धीरे धीरे समय बदल लेंडलाइन की जगह मोबाइल फोन ने ले ली जिससे काल करने के लिए अलग से नेटवर्क सिम की जरूरत होती थी।
उस समय 2 जी नेटवर्क हुआ करते थे फिर बदलते समय के अनुसार तकनीक बदली 2 जी के बाद , 3 जी , 4 जी और अब 5 जी नेटवर्क की शुरुआत हो चुकी है। इस लेख मे हम आपको वर्तमान की नई नेटवर्क टेक्नोलॉजी 5 जी कि बारे मे सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है 5 जी टेक्नोलॉजी क्या है ? 5G Technology Kya Hai in hindi
आज का समय डिजिटल Digital का है और टेक्नोलॉजी का क्षेत्र लगातार बढ़ता जा रहा है। 5 जी पीछे 2 से 3 वर्षों से काफी चर्चा मे रहा है. दुनिया के कुछ बड़े देशों मे 5 जी सेवा शुरू हो चुकी है, जैसे कि चीन, अमेरिका, जापान औ दक्षिण कोरिया इत्यादि,
लेकिन भारत मे यह टेक्नोलॉजी जल्द ही शुरू होने वाली है , बहुत से लोगों इस टेक्नोलॉजी के बारे मे जानने के लिए काफी परेशान है कि आखिर यह टेक्नोलॉजी इतनी प्रसिद्ध क्यों है और इसके आने से हमारे जीवन मे क्या असर होगा इससे फायदा होगा या नुकसान इन सब के बारे मे जानने के लिए लेख को अंत तक पढे।
इस लेख मे इस्तेमाल होने वाले शब्द आपको भारी लग सकते है लेकिन फिर भी हम आपको आसान से आसान भाषा मे समझाने की कोशिश करेंगे ताकि आपको इसके बारे मे सही और सटीक जानकारी मिल सके।
मोबाइल टेक्नोलॉजी की जनरेशन
Mobile Network Generation | Starting | Where Starting | India Starting | Speed |
First Generation (1G) | 1979 | japan | Only Voice Calling | |
Second Generation (2G) | 1991 | Finland | 1995 | 500KBPS |
Third Generation (3G) | 2001 | Finland | 2008 | 2 MBPS |
Fourth Generation (4G) | 2009 | Sweidan | 2015 | 1GBPS |
Fifth Generation (5G) | 2018 | South Korea | Coming Soon | 20GBPS |
5 जी टेक्नोलॉजी क्या है 5G Technology Kya Hai
5G Technology मोबाइल नेटवर्क की पाँचवी जनरेशन है जिसका पूरा नाम है Fifth Generation है अगर 5 जी टेक्नोलॉजी की बात की जाए तो इसकी गति 4 जी नेटवर्क की तुलना मे 100 गुना ज्यादा है।
इसकी स्पीड का अंदाज इस बात से लगा सकते है कि आपकी 1 जीबी की फ़ाइल पलक झपकते से ही डाउनलोड हो जायेगी।
5G टेक्नोलॉजी (5G Technology) शुरू होने के बाद दुनिया मे दो या दो से अधिक डिवाइसे मानव की तरह आपस मे भी बात कर सकेंगी। कुछ एक्सपर्ट्स की माने तो 5 जी आने के बाद मानव जीवन पुरी तरह से बदल जायेगा।
5G नेटवर्क कैसे करेगा काम?
5G Technology की गति इतनी अधिक होना का सबसे बड़ा कारण है मिलीमीटर वेबस जो रेडियो तरंगों की तरह कार्य करती है। अलग अलग प्रकार की डिवाइसे इन्ही वेबस से जुड़ी हुई होती है। जिस क्षेत्र मे जीतने काम स्मार्ट फोन या इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स होते है।
वहा पर इन वेबस की गति उतनी ही तेज होती है एक ही क्षेत्र मे ज्यादा स्मार्ट फोन पर यह वेबस की फरिक्वेनसी बट जाती है। जिसके करन इंटरनेट की गति कम हो जाती है।
वर्तमान मे मिलीमीटर वेबस 6 गीगा हर्ट्स के माध्यम से स्पीड की गति को मेनेज करती है, परंतु 5 जी तकनीक आने के बाद यह ये मिलीमीटर वेबस 30 से 300 गीगा हर्ट्ज पर रहकर इंटरनेट को गति को उपलब्ध कराएगी।
4G Network की बात की जाये तो 500 वर्ग किलो मीटर में लगभग 10 लाख डिवाइज एक साथ अच्छी स्पीड के साथ कनेक्ट हो सकते हैं।
जबकि 5G Network तकनीक के माध्यम से आप केवल एक वर्ग किलोमीटर में ही लगभग 10 लाख डिवाइस एक साथ कनेक्ट कर सकेंगे जिससे उनकी स्पीड और परफ़ोर्मेंस पर किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
5G टेक्नोलॉजी के पांच आधार
स्पीड सेल्स
5G Technology का दूसरा आधार स्पीड सेल्स है जो मिलीमीटर वेव की रेंज की कमी को पूरा करता है। मिलीमीटर वेव रुकावटों के समय काम नहीं करता।
इसलिए इन रुकावटों को पूरा करने के लिए बड़ी कॉम्पनीय बड़ी संख्यामे टावर्स लगवाती है, ताकि यूजर्स बिना किसी परेशानी के डिवाइस का इस्तेमाल कर सके।
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बिमफॉर्मिंग
बिमफॉर्मिंग मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी कि एक ऐसी तकनीक है जो अपने सभी यूजर्स की मॉनिटरिंग करती है। उसे यूजर्स के पल पल की जानकारी होती है।
अगर आपके मोबाइल के एक नेटवर्क मे किसी प्रकार की कोई परेशानी आ जाती है, तो यह तकनीक बिना देर किए दूसरे स्पीड टावर पर स्विच कर देती है।
फूल डुप्लेक्स –
फुल डुप्लेक्स 5 जी टेक्नोलॉजी का एक ऐसा फीचर्स है जो एक समान फ्रिक्वेंसी बैंड के साथ – साथ डेटा को ट्रांसमिट ओर रिसीव की सुविधा उपलब्ध कराता है। पुराने जमाने मे इस्तेमाल होने वाली लेंडलाइन टेक्नोलॉजी और वेव रेडियो मे इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता था।
मैक्सिमम MIMO –
इसका पूरा नाम Multiple Input Multiple Output है यह 5 जी टेक्नोलॉजी का पाँचवा आधार है। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ट्रेफिक को मेनेज करके बड़े सेल टावर्स का इस्तेमाल करने मे किया जाता है।
4G नेटवर्क जिससे रेगुलर सेल टावर के माध्यम से नेटवर्क मिलता है वो 12 एन्टीना से जुड़ा हुआ होता है जो उस क्षेत्र से संबंधित ट्रेफिक को हेंडल करता है।
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वही 5 जी नेटवर्क मे MIMO 100 एंटीना को एक साथ जोड़कर काम करता है, जो जरूरत के समय ट्रेफिक बढ़ने पर टावर की अक्षमता को बढ़ता है।
5G तकनीक से होने वाले बदलाव
- कुछ ऐसे बदलाव जो 5G Technology आने के बाद देखने को मिलेंगे5 जी टेक्नोलॉजी आने के बाद इसकी स्पीड 4 जी से कई गुना होगी | अगर 4 जी की स्पीड की बात की जाए तो 4 जी कि स्पीड 1 GBPS तक है , 5 जी आने के बाद यह स्पीड बढ़कर 20 GBPS तक हो जायेगी।
- 5 जी टेक्नोलॉजी आने के बाद रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का हिस्से बन जायेगी।
5 जी टेक्नोलॉजी आने के बाद ड्राइवरलेस कार्ड देखने को मिलेगी जो प्रोग्रामिंग के आधार पर आपको एक स्थान से दूसरे स्थान से तक लेकर जायेगी - 5 जी टेक्नोलॉजी आने के बाद वर्चुअल रियलिटी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ेगा यानि एक आप किसी भी स्थान को घर बैठे इस प्रकार देख सकते है जैसे कि आप उस स्थान मे रियल मे घूमने के लिए गए हुए है. हमारे देश मे यह तकनीक अभी नई है जबकि अमेरिका जैसे देशों मे यह कई वर्षों से चल रही है.
5 जी टेक्नोलॉजी आने के के बाद मनुष्य के इलाज करने का तरीका पूरी तरह से बदल जायेगा।
सर्जनदुनिया के एक कोने में बैठकर मशीनो से मरीज की सर्जरी कर सकेंगे।
सर्जरी या किसी भी प्रकार का इलाज करने के लिए रोबोटिक्स तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा। - 5 जी तकनीक का इस्तेमाल कर्षी शिक्षा परिवहन यातायात इत्यादि जैसे क्षेत्रों मे भी देखने को मिलेगा जो आपके काम को काफी आसान बना देगा।
- 5G टेक्नॉलजी शुरू होने से कनेक्टेड सोसाइटी बनने का रास्ता तेजी से खुलेगा।
5 जी टेक्नोलॉजी के शुरू होने से दो या दो से अधिक डिवाइसे भी आपस मे बात कर सकेंगे कमांड देने के बाद ये खुद ब खुद काम करेगी।
इसे उदाहरण से इस प्रकार समझ सकते है कि आप मुंबई से पुणे गए है, और आप घर का फ्रिज या इनवर्टर बंद करना भूल गए है तो यह काम भी आप 5 जी तकनीक के जरिए कही पर भी बैठकर कर सकते है आप अपने स्मार्टफोन से एक कमांड के जरिए किसी भी डिवाइस को बंद या चालू कर सकते है।
देश मे 5 जी तकनीक लांच करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और सॉफ्टवेयर की बड़े स्तर पर जाऊरत होने वाली है जिसके कारण आईटी सेक्टर मे नौकरिया तेजी से बढ़ेगी।
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5G टेक्नोलॉजी से जुड़े कुछ आँकड़े
- डेटा खपत करने के मामले मे अब भी भारतीय लोग ही सबसे आगे है वर्ष 2020 मे किये गए एक सर्वे के अनुसार इंडिया मे वर्तमान समय मे 4 जी इंटरनेट से औसतन प्रति माह 12 जीबी डेटा की खपत होती है जो आने वाले 5 वर्षों मे बढ़कर 25 जीबी तक हो सकती है।
- GSMA (Global System for Mobile Communications-) की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 तक भारत में मोबाइल यूजर की संख्या लगभग 92 करोड़ होने की संभावना है।
जिनमे से लगभग 9 करोड़ यूजर 5G कनेक्शन ले सकते है। - एक रिपोर्ट के अनुसार भारत मे इंटरनेट यूजर 5G सर्विस के लिए वर्तमान खर्च से 10 फीसदी अधिक करने को तैयार है. यही कारण है कि देश मे 5 जी लांच होने से पहले ही तकरीबन 5 करोड़ यूजर जुडने के अनुमान है।
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5 जी टेक्नोलॉजी से होने वाले फायदे
- 5 जी इंटरनेट माध्यम से यूजर फूल एचडी फिल्म को मात्र एक सेंकड़स मे डाउनलोड कर सकेंगे जबकि 4 जी इंटरनेट स्पीड से फूल एचडी फिल्म को डाउनलोड करने मे 10 से 15 मिनट लग जाते है।
- 4 जी इनरनेट मे कई यूजर का अधिक दबाव होने पर इंटरनेट स्पीड काफी स्लो हो जाती है जबकि 5 जी इंटरनेट आने के बाद यूजर को इंटरनेट स्पीड संबंधी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी।
- 5 जी इंटरनेट आने के बाद डेटा एक डिवाइस से दुसरी डिवाइस मे पलक झपकते ही ट्रांसफर हो जायेगा।
- 5 जी इंटरनेट तकनीक आने के बाद यूजर वायरलेस डिवाइस सेंसर की मदद से एक दूसरे से बात कर सकेंगे।
- 5G तकनीक से लोग अपने घर को इलेक्ट्रॉनिक्स, सॉफ्टवेयर या सेंसर टेक्नॉलजी से लैस करके वायरलेस नेटवर्स से कनेक्ट कर सकेंगे।
- 5 जी टेक्नोलॉजी आने के बाद लोग अपने घरों की सेक्योरिटी को वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से दूर से कंट्रोल कर सकते है।
- 5 जी तकनीक के माध्यम से यूजर एचडी क्वालिटी मे विडिओ काल कर सकेंगे।
- देश और दुनिया मे 5G तकनीक शुरू होने के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का तेजी से विस्तार होगा जिसके कारण वर्तमान मे आने वाले ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे कि स्मार्ट TV, वाशिंग मशीन, होम स्पीकर और रोबोट्स काफी तेज और ऑटोमेटिक फीचर्स से लैस होंगे।

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5G तकनीक की कुछ कमियां
- जिस प्रकार कोई भी मानव पूरी तरह से परफेक्ट नही होता है ठीक उसी प्रकार कोई भी टेक्नोलॉजी पूरी तरह से प्रफेक्ट्स नहीं होती है अगर किसी टेक्नोलॉजी का कुछ फायदा है तो कुछ नुकसान भी होते लेकिन हम केवल उनके फायदे देखते है 5 जी टेक्नोलॉजी की कुछ कमिया नीचे दी गई है.
- 5 जी टेक्नोलॉजी की स्पीड का सबसे बड़ा कारण मिलीमीटर वेबस का है ये वेबस यूजर के नेटवर्क मे जितना ज्यादा कनेक्ट होगी उतनी ही यूजर के इंटरनेट की स्पीड अधिक होगी लेकिन अगर इन वेबस के बीच मे कोई ऑब्जेक्ट्स आ जाता है तो आपके इंटरनेट की स्पीड स्लो हो सकती हैखराब मौसम या बारिश होने की वजह से मिलीमीटर वेबस प्रभावित होती रहती है ऐसे मे 5 जी तकनीक की सुविधा देने वाली कॉम्पनियों को अपने अपनी कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के लिए नेटवर्क का इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा लगांना होगा यही नहीं कॉम्पनियों को छोटे क्षेत्रों मे भी 5 जी के कई कई ट्रांसमीटर लगाने होंगे तभी वे यूजर को 5 जी अच्छी सुविधा दे सकेंगे।
- 5 जी इंटरनेट लांच होने के बाद इसकी फीस काफी महंगी होगी जो हर यूजर के बजट से बाहर होगी।
अभी हमारे देश मे 5 जी सपोर्ट करने वाले डिवाइसेस बहुत है ऐसे मे अगर कोई भी यूजर 5 जी तकनीक का लाभ लेना चाहता है तो उन्हे पहले अपने पुराने डिवाइस को बेचकर 5 जी सपोर्ट डिवाइस लेना होगा जिसके लिए उन्हे पैसे खर्च करने होंगे।
5 जी टेक्नोलॉजी लांच होने के बाद इनके टावर से निकलने वाले रिडी एशन सजीवों के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होगी जिसके कारण मनुष्य और जानवर नई नई बीमारियों का शिकार होंगे।
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भारत मे 5 जी कब लांच होगा।
वर्ष 2020 मे देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कॉम्पनी जियो के मालिक मुकेश अंबानी ने घोषणा की थी की 2021 तक 5 जी लांच कर देंगे लेकिन देश मे बढ़ते हुए कोरोना केस के कारण इसकी टेस्टिंग मे भी देरी हो रही है।
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक रिलायंस की 24 जून 2021 मे होने वाले सालाना इवेंट्स मे 5 जी नेटवर्क लांच और 5 जी सपोर्ट मोबाइल की घोषणा की जा सकती है.
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भारत मे 5 जी लांच करने वाली कंपनिया
भारत में 5 लांच करने की दौड़ मे मे अभी 4 कंपनिया है
- जिओ नेटवर्क
- एयरटेल
- विआई
- महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड MTNL
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लेख मे आपने क्या सीखा
इस लेख मे हमने आपको मोबाइल नेटवर्क की नई टेक्नोलॉजी 5G Technology के बारे मे विस्तार से जानकारी दी है। उम्मीद करते है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख मे हमने आपको बताया है कि 5G Technology क्या, है 5G Technology kya hai और 5G Technology इंडिया मे कब तक आयेगी। अगर आपको हमारी ये जानकारी पसंद आई है तो हमे कमेन्ट करके जरूर बताए आपका फीडबेक हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है।
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